UK के PM BORIS JHONSON कोरोना से डरे, COVID-19 के बढ़ते मामलों के कारण भारत का दौरा किया रद्द ,पूर्व प्रधानमंत्री MANMOHAN SINGH की चिट्ठी और हेल्थ मिनिस्टर का जवाब

boris johnson and manmohan singh द भारत बंधु
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UK के PM BORIS JHONSON जो कि 25 APRIL को भारत आने वाले थे और उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री MODI से होने वाली थी लेकिन COVID-19 के बढ़ते मामलों के कारण उन्होंने अपना यह दौरा रद्द कर दिया है. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को अपना दौरा एक बार पहले भी कोविड-19 की वजह से रद्द करना पड़ा था जब इस साल 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में भारत बुलाया गया था.

मालूम हो कि BRITAIN में भी कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं वहीं भारत में कोरोना के मामलों ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है.लेकिन जहां भारत में कुल संक्रमण का आंकड़ा डेढ़ करोड़ के पार चला गया है वहीं ब्रिटेन में अभी यह 50 लाख भी नहीं पहुंचा है.मौतों के आंकड़ों में भारत और ब्रिटेन दोनों की स्थिति चिंताजनक है.

अभी तक भारत में एक लाख 78 हजार से भी ज्यादा मौतें हुई, वहीं UK में एक लाख 27 हजार से कुछ ज्यादा मौतें हुई हैं. वैसे भारत में कोविड-19 के जो बदले हुए रूप पाए जा रहे हैं उसमें सबसे ज्यादा विस्तार UK वैरीअंट का है. इसी यूके वैरीअंट नें ब्रिटेन में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है.

भारत  विश्व में  कोरोना के मामलों में दूसरे स्थान पर है वहीं मौतों के मामले में  भारत का स्थान तीसरा है. पहले और दूसरे नंबर पर अमेरिका और ब्राजील का नाम आता है वहीं कुल संक्रमितों की संख्या के आधार पर UK छठे स्थान पर है.

जिस प्रकार से भारत में कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है उसे देखते हुए यह कहना मुश्किल नहीं है कि हालात और भी बुरे हो सकते हैं.

वैज्ञानिकों ने भी आगाह किया है कि अगर भारत में कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी कदम जल्द से जल्द नहीं उठाए गए तो और भी बुरे दिन देखने पड़ सकते हैं. इसे देखते हुये अब मोदी सरकार ने सभी उम्र के लोगों के लिये 1 मई से vaccine देने की व्यवस्था कर दी है.अब  उम्र समबंधित बाध्यता  समाप्त कर दी गई है.

वैसे तो भारत में फिर से एक बार LOCKDOWN  का दौर शुरू हो गया है. अलग-अलग ही सही लेकिन अब कोरोना से प्रभावित राज्यों ने राज्य स्तर पर लॉकडाउन या फिर कर्फ्यू को अपनाना शुरू कर दिया है.

ताजा घटनाक्रम दिल्ली का है जहां फिर से 6 दिनों के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया. मालूम हो कि दिल्ली में अब कोरोना के मामले 25 हजार को भी पार कर रहे हैं.

भारत में  Double Mutant Strain वाले कोरोना से अब सब को डर लगने लगा है, चारों तरफ भय और हताशा का वातावरण है.

प्रदेश के मुखिया चाहे वो दिल्ली के हों या महाराष्ट्र के अब यह मानने लगे हैं कि कोरोना ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है और सुविधाएं कम पड़ने लग गई हैंं. चाहे वह वेंटिलेटर की बात हो या दवाइयों की बात हो या फिर ऑक्सीजन सिलेंडर की बात  राज्य सरकारों ने इन सब के लिए चिंता जाहिर की है.

वैचारिक संवेदनहीनता की पराकाष्ठा

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन द्वारा दिये गये जवाब को किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं ठहराया जा सकता. पूर्व प्रधानमंत्री के पास 10 साल सरकार चलाने का अनुभव है साथ ही साथ वह एक सुलझे हुए अर्थशास्त्री भी हैं.

अगर उनके शासनकाल में उनकी सरकार पर लगे आरोपों को जिसे की भाजपा सरकार 6 साल में भी साबित नहीं कर पाई उसे थोड़ी देर के लिए दरकिनार कर दें तो मनमोहन सिंह की छवि एक साफ और ईमानदार व्यक्ति की रही है और उनकी सलाह को मानना या ना मानना यह अलग बात है लेकिन यह कहकर खारिज कर देना कि जो सलाह मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री मोदी को दे रहे हैं उन्हें वह सलाह अपनी पार्टी को देनी चाहिए और अगर उनकी पार्टी उनकी सलाह मान ले तो इतिहास आपके प्रति दयालु होगा.मलूम हो की मनमोहन सिंह  covid-19 से संक्रमित हो गये हैं. उन्हे आज AIIMS DELHI में ले जाया गया है.

बड़ी अजीब बात है संकट के इस दौर में भी जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए लोग अपने वरिष्ठ लोगों से इस प्रकार का व्यवहार करेंगे, यह चिंताजन क और हास्यास्पद भी है.

मालूम हो कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को कोरोनावायरस महामारी पर नियंत्रण के लिए एक पत्र के माध्यम से कुछ सुझाव दिए थे जिसमें मनमोहन सिंह ने टीकाकरण को लेकर बड़ी बात कही थी. मनमोहन सिंह ने कहा था टीकाकरण के दायरे को बढ़ाने की जरूरत है. सिर्फ टीकों के आंकड़ों से कुछ नहीं होगा फर्क तो तब पड़ेगा जब ज्यादा से ज्यादा फीसद आबादी तक टीकाकरण कार्यक्रम का लाभ पहुंचेगा.

होना तो यह चाहिए था कि इन सुझावों को राजनीतिक प्रतिद्वंदिता से ऊपर उठकर देखा जाता,क्योंकि वैज्ञानिकों का भी कहना है कि अगर 60 से 70% आबादी का टीकाकरण कर दिया जाए तो इस महामारी पर लगाम लगाई जा सकती है. आज ऐसा लग रहा है जैसे मोदी सरकार ने उम्र समबंधी बाध्यता को समाप्त कर मनमोहन सिंह की बातों पर मुहर लगा दी है.

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