Prayer For Chandrayaan-3 Video Viral: चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए नमाज पढ़ते लोगों का वीडियो हुआ वायरल

Prayer For Chandrayaan-3
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Prayer For Chandrayaan-3 Video Viral: चंद्रयान-3 आज उतरेगा चांद पर नमाज पढ़कर चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए दुआ मांग रहे लोग

Prayer For Success of Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 आज इतिहास रचेगा.आज शाम चंद्रयान-3 चांद की सतह पर उतरने की तैयारी में है. Chandrayaan-3 की लैंडिंग में अब महज कुछ ही घंटे बाकी है. एक तरफ ISRO के वैज्ञानिक इस लैंडिंग को सफल बनाने के लिए की जान से जुटे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ भारतीयों का भी जोश पूरे चरम पर है. कहीं चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए पूजा-पाठ किया जा रहा है तो कहीं दुआएं मांगी जा रही है.

चंद्रयान-3 की लैंडिंग(Chandrayaan-3 Landing) सफल हो इसके लिए एक ऐसा ही वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में मुस्लिम वर्ग के लोग नमाज पढ़कर चंद्रयान तीन की सफल लैंडिंग के लिए दुआ मांग रहे हैं. बताते चलें कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए आज यानी 23 अगस्त को चुना गया है. इसरो के वैज्ञानिकों के अनुसार आज शाम चंद्रयान-3 चांद की सतह पर लैंड करेगा.

 

चंद्रयान-3 को लेकर विश्व भर की निगाहें भारत पर टिकी: चंद्रयान-3 को लेकर विश्व भर की निगाहें भारत पर टिकी हैं.क्योंकि बीते दिनों ही रूस का मून मिशन असफल हो गया था. जिसके बाद भारतीय वैज्ञानिकों के लिए भी चुनौतियां बढ गई हैं. दूसरी तरफ जब पूरे देश में हर तरफ दुआओं और पूजा पाठ का दौर जारी है तो वहीं अब यह भी बहस का मुद्दा बनता जा रहा है कि जिस प्रकार से लोग इस वैज्ञानिक कार्यक्रम को सोशल मीडिया और अन्य जगह एक अभियान की तरह चला रहे हैं उससे कहीं ना कहीं वैज्ञानिकों पर अतिरिक्त दबाव बनता है और इस अतिरिक्त दबाव के कारण वैज्ञानिक कार्यक्रमों में व्यवधान भी उत्पन्न होते हैं.

Chandrayaan-3 Landing कोई क्रिकेट का मैच नहीं: चंद्रयान-3 की लैंडिंग हो या फिर कोई अन्य वैज्ञानिक कार्यक्रम यह सभी इतने महत्वपूर्ण होते हैं कि इसमें जरा सी भी चूक और सारी मेहनत बेकार हो जाती है. वैज्ञानिक कार्यक्रम कोई क्रिकेट का मैच नहीं होता जहां पर की हौसला अफजाई के लिए नारे लगाए जाएं. हौसला अफजाई एक अलग चीज है और अतिरिक्त दबाव बनाकर वैज्ञानिक कार्यक्रमों को प्रभावित करना अलग बात है.

चंद्रयान-3 एक कठिन अभियान लोग रखे संयम:बताते चलें कि पिछली बार भी जब चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग हो रही थी उसे समय भी देशभर में एक ऐसा माहौल बनाया गया था जिसे कहीं ना कहीं वैज्ञानिकों पर एक मनोवैज्ञानिक दबाव जरूर बना होगा. भले ही इस बात को नकार दिया जाए कि वैज्ञानिकों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता. लेकिन यह सत्य नहीं हो सकता क्योंकि वैज्ञानिक भी आखिर सामान्य आदमी ही होते हैं उनकी भी भावनाएं होती हैं.

चंद्रयान-3 जैसे कठिन अभियान के लिए लोगों को भी संयम रखना चाहिए. लोगों को यह समझना चाहिए कि कोई भी अभियान अगर वह वैज्ञानिक अभियान है तो उसकी सफलता या असफलता सिर्फ एक देश के लिए ही नहीं होती है बल्कि उससे कई देशों के वैज्ञानिक भविष्य जुड़े होते हैं. क्योंकि विज्ञान का क्षेत्र ऐसा है जिसमें विचारों से लेकर संसाधनों तक का परस्पर आदान-प्रदान ही इसे आगे बढ़ता है.

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