LPG सिलेंडर के दाम में लगातार हो रही वृद्धि जारी है. तेल कंपनियों ने 14.2 kg के सिलेंडर के दाम में 15 रुपए की वृद्धि कर दी है. इस कारण अब दिल्ली में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत ₹899 हो गई है वहीं पटना में 998 रुपये तो कोलकाता में 14.2 kg बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमत ₹926 हो गई है.
गरीब और मध्यम वर्ग के लिए यह बढ़ोतरी परेशानी बढ़ाने वाली है. मालूम हो कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ही अधिकांश राज्यों में गैस पर मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर दिया गया था.
अगर कहींं-कहीं सब्सिडी दी भी जा रही है तो यह नाकाफ़ी है. गौरतलब है कि सरकार ने इस साल बजट में पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर सब्सिडी का आवंटन बहुत ही कम कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार को एक सरकारी पैनल ने यह सुझाव दिया था कि गैस सिलेंडर की कीमत को ₹1000 तक करने पर भी जनता इसका आसानी से बोझ उठा सकती है.
अक्टूबर और नवंबर का महीना त्यौहार का महीना है और महंगाई चरम पर है. इस कारण खासकर मध्यम वर्ग को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
पेट्रोल-डीजल और खाने वाले तेलों के दाम ने तो पहले से ही आम जनता को हलकान कर रखा है, लेकिन सरकार इसको लेकर या तो कुछ करना नहीं चाहती या फिर जो कर रही है वह नाकाफी है.
मालूम हो कि पिछले दिनों प्राकृतिक गैस की कीमतों में भी अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज हुई. प्राकृतिक गैस के दामों में लगभग 62% की वृद्धि कर दी गई. सीएनजी के दाम भी बढ़े और गैस पाइपलाइन की कीमतों में भी वृद्धि की गई. सीएनजी के दाम में ₹2.28 की वृद्धि की गई जबकि पाइपलाइन गैस की कीमत में भी ₹2.10 का इजाफा किया गया.
इन सब के बीच जो सबसे चौंकाने वाली बात है वह यह है कि महंगाई के बीच भी सेंसेक्स रोज नई ऊंचाइयों को छूता जा रहा है.
भारत में निवेशकों का विश्वास बढ़ता जा रहा है. लेकिन अगर सरकार इस बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने में सक्षम नहीं हो पाई तो इससे जनता की क्रय शक्ति पर असर पड़ेगा और यह किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए उचित नहीं है क्योंकि उत्पादन का सीधा संबंध खरीदारी से है.