Lakhimpur SIT: लखीमपुर हिंसा मामले में मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा की पड़ी मुश्किल है SIT ने कहा यह हिंसा सोची समझी साजिश.
लखीमपुर(Lakhimpur) खीरी में बीते 3 अक्टूबर को किसानों पर कथित रूप से गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा(Ashish mishra) ने गाड़ी चढ़ा दी थी जिसमें की 4 किसानों की मौत हो गई थी.
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार एक एसआईटी(SIT) का गठन किया गया था. आज उस एसआईटी ने कहां है कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर में हुई हिंसा कोई अप्रत्याशित घटना नहीं थी बल्कि यह सोची समझी साजिश थी.
मालूम हो कि लखीमपुर की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान से सुनवाई की थी. आज जब एसआईटी ने अपनी जांच में यह पाया है कि यह घटना अप्रत्याशित घटना नहीं थी और एक सोची समझी साजिश थी तो अब आरोपियों पर धराए बढ़ाई जाएंगी.
आरोपियों पर सत्य धाराओं को लगाने की अनुशंसा एसआईटी ने कर दी है इस खबर की भनक जैसे ही केंद्रीय राज्य मंत्री को मिली वैसे ही वह अपने बेटे से मिलने पहुंच चुके हैं.
एसआईपी के अधिकारियों ने कोर्ट में यह आवेदन दिया है कि अभियुक्तों पर धाराएं बढ़ाई जाए अब अभियुक्तों पर गैर इरादतन हत्या की जगह हत्या की धारा लगाई जाएगी.
मालूम हो कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में 14 लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है एसआईटी कि इस जांच के बाद अब मोनू पर जो कि मंत्री पुत्र अजय मिश्रा के बेटे हैं धारा 307 लगाई जाएगी.
आज कोर्ट ने मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा और अन्य 13 आरोपियों को पेश होने के लिए कहा था लेकिन खबर लिखे जाने तक आरोपी अभी तक कोर्ट नहीं पहुंचे हैं.
एसआईटी के द्वारा सख्त धाराओं की अनुशंसा करने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि कोर्ट इन धाराओं को लगाने की अनुमति दे सकता है.
मालूम हो कि किसान नेताओं ने बार-बार आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की गिरफ्तारी की बात करते रहे हैं लेकिन सरकार ने अभी तक इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया है.
इस घटना के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और ऐसा हो सकता है कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिपरिषद से बर्खास्त किया जाए. लेकिन यह सभी अभी संभावनाएं हैं वास्तविक बात क्या होगी यह तो बाद में ही पता चलेगा.