Jawad Cyclone India: कल यानी 4 दिसंबर को जवाद साइक्लोन के आने की सूचना इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट(IMD) द्वारा दी गई है. Jawad Cyclone का प्रभाव ओडीशा, बंगाल और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में ज्यादा रहेगा.
जवाद(Jawad Cyclone) का असर बिहार उत्तर प्रदेश(UP) और झारखंड पर भी होने की संभावनाएं जताई जा रही है. यानी इस तूफान के कारण बिहार और यूपी के कुछ इलाकों में मध्यम से तेज वर्षा हो सकती है. वहीं झारखंड को लेकर अभी कुछ भी निश्चित रूप से नहीं कहा गया है.
लेकिन कुछ इलाके जो पश्चिम बंगाल(West Bengal) से सटे हुए हैं उनमें बारिश हो सकती है लेकिन इस तूफान से सबसे ज्यादा नुकसान ओडिसा और आंध्रप्रदेश को होने की संभावना है.
मौसम विभाग का कहना है कि दक्षिण अंडमान सागर में उत्पन्न निम्न दबाव धीरे-धरे तीव्र होता जाएगा और 4 दिसंबर की सुबह तटीय क्षेत्रों से टकराने की संभावना है.
किसने दिया इस साइक्लोन को Jawad Cyclone नाम और ये कैसे है उदार?
अब आते हैं इस बात पर कि कोई तूफ़ान उदार कैसे हो सकता है. इसके लिए हमें तूफानों के नामों के अर्थ को समझना होगा. इस चक्रवाती तूफान को जवाद नाम दिया गया है. जवाद(Jawad) का अर्थ होता है उदार.
यानी इस तूफान के इस नाम से यह तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस तूफान की प्रकृति ज्यादा नुकसानदायक नहीं होगी. लेकिन तूफान एक आपदा है और आपदा के बारे में सटीक अनुमान लगाना उतना आसान नहीं होता.
जवाद साइक्लोन की विभीषिका से बचने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर इस तूफान से जान-माल को बचाने की कवायद शुरू कर दी है.
मालूम हो कि इस तूफान को जावाद नाम सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने दिया है. चक्रवाती तूफानों को नाम देने की अपनी एक व्यवस्था है. जिसमें सदस्य देशों को बारी-बारी से नाम रखने का मौका मिलता है.
13 देश मिलकर करते हैं साइक्लोन का नामाकरण
हिंद महासागर(Indian Ocean) में उठने वाले तूफानों के नामकरण के लिए 13 देश आपस में मिलकर नाम सुझाते हैं. इन 13 देशों में भारत मालदीव म्यानमार बांग्लादेश ओमान श्रीलंका थाईलैंड इरान कतर सऊदीअरब यमन पाकिस्तान और मालदीव शामिल है.
मालूम हो कि हिंद महासागर को भारत की भौगोलिक संरचना दो भागों में बांट देती है एक भाग अरेबियन सी कहलाता है तो दूसरा भाग बंगाल की खाड़ी.
ज्यादातर चक्रवाती तूफान बंगाल की खाड़ी में ही उठते हैं. साथ ही बंगाल की खाड़ी में उठने वाले तूफान अरेबियन सी में उठने वाले तूफानों से अधिक घातक और विनाशकारी होते हैं.
जब किसी तूफान की गति 74 मील प्रति घंटा या फिर इससे अधिक होती है तो इसे ही साइक्लोन नाम दिया जाता है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि जवाद तूफान की गति 110 से 125 मील प्रति घंटे तक की हो सकती है.
इससे पहले Amphan Cyclone ने भारी तबाही किया था. इस तूफान से लगभग सवा करोड़ लोग प्रभावित हुए थे. वहीं 15 लाख लोग बेघर हो गए थे. ऐसा अनुमान है कि जवाद साइक्लोन अन्य तूफानों के मुकाबले कम खतरनाक होगा. लेकिन ओडिशा और आंध्र प्रदेश में इसका प्रभाव अधिक रहेगा.