IIM Rohtak Director Controversy: IIM रोहतक के निदेशक को बिना योग्यता बहाली के मुद्दे पर केंद्र सरकार का HC में यू टर्न, बिना योग्यता ही पूरा कर चुके हैं एक कार्यकाल दूसरे कार्यकाल को भी केंद्र सरकार ने दी थी हरी झंडी लेकिन अब स्वीकार की गलती
IIM रोहतक के निदेशक धीरज शर्मा(Dhiraj Sharma) की नियुक्ति को लेकर एक नया मोड़ आया है.पहले केंद्र सरकार इस नियुक्ति को अवैध मानने से बार-बार इंकार कर रही थी लेकिन आखिरकार उसने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और हाईकोर्ट में कहा है कि इस मामले की जांच की जाएगी कि आखिर बिना योग्यता के IIM के निदेशक के रूप में धीरज शर्मा की नियुक्ति कैसे हो गई.
क्या है IIM Rohtak का मामला: केंद्र सरकार ने IIM रोहतक के निदेशक के रूप में धीरज शर्मा को नियुक्त किया था जिसके कुछ दिन बाद ही इस पद के लिए उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर सवाल उठने लगे थे.
बताते चलें कि IIM के निदेशक पद पर नियुक्त होने वाले व्यक्ति के पास बैचलर या अंडर ग्रेजुएट में फर्स्ट क्लास के डिग्री होनी चाहिए जबकि इस पद पर नियुक्त किए गए धीरज शर्मा द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुए थे. जिस कारण वह इस पद के लिए योग्य नहीं थे.
जब धीरज शर्मा की शैक्षणिक योग्यता को लेकर सवाल उठे और शिकायत की गई तो केंद्र सरकार ने सभी बातों को दरकिनार कर दिया और सबसे बड़ी बात तो यह हुई कि शैक्षणिक योग्यताओं की संदिग्ध स्थिति के बाद भी केंद्र सरकार ने धीरज शर्मा को दूसरे कार्यकाल के लिए भी पत्र जारी कर दिया था.
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