Haridwar Dharm Sansad हेट स्पीच (Hate Speech) मामले में जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी(Waseem Rizvi) की मुश्किलें बढ़ गई हैं, उनकी जमानत याचिका को न्यायालय ने खारिज कर दिया है.
धर्म संसद में आपत्तिजनक भाषण मामले को लेकर बीते दिनों जितेंद्र त्यागी की गिरफ्तारी हुई थी आज सीजीएम न्यायालय उत्तराखंड में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई.
लेकिन सीजीएम न्यायालय ने जितेंद्र नारायण त्यागी जिनका पूर्व में नाम वसीम रिजवी था उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी.
मालूम हो कि धर्म संसद में हेट स्पीच मामले में जितेंद्र नारायण त्यागी पर उत्तराखंड में मामला दर्ज कराया गया था.
NDTV के Kamal Khan का अंतिम ट्वीट भी इसी धर्म संसद से संबंधित था
https://twitter.com/kamalkhan_NDTV/status/1481675748331376647?s=20
उत्तराखंड के हरिद्वार में एक धर्म संसद का आयोजन किया गया था.जहां पर कथित रुप से एक खास वर्ग को लेकर वक्ताओं ने काफी भड़काऊ भाषण दिए थे. इस भाषण का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से वायरल होने लगा था.
इस मामले में जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को हरिद्वार की तरफ आने के क्रम में पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है उन पर 153 A की धारा लगाई गई है.
वसीम रिजवी ने एक धार्मिक किताब को लेकर भी विवादित बातें कही थी उन्होंने कहा था कि मैं उस किताब को धार्मिक ग्रंथ नहीं मान सकता जिस में मरने और मारने के बारे में बात की जाती हो.
धर्म संसद पर विवाद उठने के बाद वसीम रिजवी ने यह भी कहा था कि धर्म संसद में जो बातें कही गई हैं वह हेट स्पीच नहीं है.अगर धर्म संसद में कही गई बातें हेट स्पीच के दायरे में आती हैं तो मदरसों और मस्जिदों में जो बात में पढ़ाई जा रही हैं वह भी हेट स्पीच की ही श्रेणी में आनी चाहिए.