आज गूगल Google Doodle के जरिए एक भारतीय मुस्लिम महिला Fatima Sheikh को कर रहा है याद, फातिमा शेख को First Women Muslim Teacher भी कहा जाता है.
Google कुछ खास मौकों पर कुछ खास लोगों को अपने Google Doodle के जरिए सम्मान देता है लेकिन आज का गूगल डूडल(Google Doodle) बेहद ही खास है.
यह भी जान लीजिए कि गूगल डूडल(Google Doodle) क्या होता है! जब आप किसी भी search browser में गूगल ओपन करते हैं तो सर्च बार के ठीक ऊपर गूगल लिखा होता है उसमें खास मौकों पर कोई खास तस्वीर या त्यौहार या इवेंट का जिक्र होता है उसे ही गूगल डूडल कहते हैं.
आज का गूगल डूडल इसलिए भी खास है क्योंकि आज गूगल ने अपने गूगल डूडल के माध्यम से भारत की एक महान मुस्लिम महिला की तस्वीर लगाकर उन्हें याद किया है..
इस महान मुस्लिम महिला का नाम है फातिमा शेख फातिमा शेख का जन्म पुणे में एक मुस्लिम परिवार में 1831 में हुआ था .
फातिमा शेख ने खासकर दलित, मुस्लिम और बच्चों की शिक्षा के लिए समाज में बहुत बड़ा योगदान दिया लेकिन इतिहास में उनको वह दर्जा हासिल नहीं हो पाया जो कि अन्य लोगों को मिला.
आपको याद होगा सावित्रीबाई फुले, ज्योतिबा फूले और सत्यशोधक समाज तो आप जान लें कि फातिमा शेख भी इन्हीं लोगों से जुड़ी हुई थी या फिर कहें तो इन लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाली में से एक थी.
फातिमा शेख को पहली मुस्लिम महिला टीचर होने का सम्मान भी प्राप्त है. उन्होंने अपने घर में ही एक पुस्तकालय की स्थापना भी की थी, साथ ही शिक्षा दिक्षा के लिए अपने घर को ही स्कूल में तब्दील कर डाला था.
चुकी फातिमा शेख दलितों, महिलाओं और बच्चों के शिक्षा दीक्षा पर ज्यादा जोर देती थी और उस समय उच्च वर्ग के लोग दलित वर्गों के शिक्षा के खिलाफ थे जिस कारण फातिमा शेख को सामाजिक बहिष्कार का दंश भी झेलना पड़ा.
आलोचना प्रताड़ना के दंश को झेलकर भी फातिमा शेख ने कभी अपने मनोबल को गिरने नहीं दिया और अपने सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाते चली गई.
महात्मा गांधी आज के ही दिन लौटे थे भारत : .मालूम हो कि 9 जनवरी का दिन भारत के लिए एक और बात के लिए बेहद ही खास है वह है महात्मा गांधी का आज के ही दिन 1915 में भारत लौटना.
मालूम हो कि आज के ही दिन महात्मा गांधी साउथ अफ्रीका से भारत लौटे थे और गोपाल कृष्ण गोखले जिसे की महात्मा गांधी का राजनीतिक गुरु भी कहा जाता है उनके कहने पर भारत भ्रमण का निश्चय किया था.
महात्मा गांधी लगभग 21 सालों तक साउथ अफ्रीका में रहे और वहां उनके साथ कुछ ऐसी घटनाएं घटी जिसके बाद उनके जीवन में आमूलचूल परिवर्तन आया.
यहीं से उनके जीवन में सत्य की तलाश शुरू हुई और सबसे पहला पड़ाव था काले लोगों के हक लिए सत्य और निष्ठा का प्रयोग. आज भी महात्मा गांधी को साउथ अफ्रीका में बेहद ही सम्मानजनक दर्जा प्राप्त है.