Delhi New Excise Policy Controversy: दिल्ली New Excise Policy के जरिए केजरीवाल सरकार द्वारा शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने का आरोप, LG ने जांच का जिम्मा CBI को सौंपा, मनीष सिसोदिया की बढ़ी मुश्किलें, BJP का आरोप नियमों को ताख पर रख दी गई 144.36 करोड़ रुपये की छूट
दिल्ली में नई आबकारी नीति(Delhi New Excise Policy Controversy) को लेकर केजरीवाल सरकार और खासकर दिल्ली सरकार में मंत्री के पद पर काबिज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विश्वसनीय मनीष सिसोदिया(Manish Sisodiya) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
ऐसा इसलिए क्योंकि नई आबकारी नीति(Excise Policy) में अनियमितता की शिकायत जिसमें प्रमुखता से इस बात का उल्लेख है कि इससे शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया. जिसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने सीबीआई से जांच की सिफारिश कर दी है.
दिल्ली के उपराज्यपाल(LG) विनय सक्सेना ने यह फैसला मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट पर लिया है. जो रिपोर्ट नरेश कुमार ने तैयार की है वह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी के नंबर दो पोजीशन रखने वाले और दिल्ली में शिक्षा सुधार को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले मनीष सिसोदिया का नाम प्रमुखता से लिया गया है.
दिल्ली का मामला बेहद ही अनोखा है क्योंकि ऐसा कम ही देखा जाता है जब कोई सरकारी अधिकारी अपनी जांच में किसी मंत्री के नाम का प्रमुखता से जिक्र करे. लेकिन दिल्ली में ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि अफसरशाही पर दिल्ली सरकार और एलजी के अधिकार बंटे हुए हैं.
आइए अब जानते हैं इस पूरे मामले में दिल्ली सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा. अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई जांच(CBI Investigation) की बात सामने आने और मनीष सिसोदिया का नाम सीधे तौर पर जुड़ने पर साफ शब्दों में कहा कि हम भगत सिंह के संतान हैं और जेल जाने से नहीं डरते.
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया को ईमानदार और बेदाग छवि वाला इंसान बतलाते हुए कहा कि मैं मनीष सिसोदिया को आज से नहीं बल्कि साल 2000 से जानता हूं. उन्होंने कहा हमारा और मनीष सिसोदिया का रिश्ता 22 साल पुराना है और मैं मनीष सिसोदिया की ईमानदारी को अच्छी तरह जानता हूं.
इस पूरे मामले पर केजरीवाल का कहना है कि केंद्र की भाजपा सरकार आम आदमी पार्टी की सफलता से घबराई हुई है और इस कारण वह ऐसे हथकंडे अपना रही है जिससे कि हम डर जाए लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं.
वहीं बीजेपी ने भी इस पूरे मामले पर केजरीवाल सरकार को घेरने की कोशिश की है. केंद्र सरकार में मंत्री मीनाक्षी लेखी ने केजरीवाल सरकार पर यह आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार ने ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को ठेका दिया और दिल्ली में जमकर धोखाधड़ी हुई.
मालूम हो कि दिल्ली में नए एलजी के आने के बाद यह दूसरा मामला है (Delhi New Excise Policy Controversy) जब केजरीवाल सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल आमने-सामने हैं. पहला मामला केजरीवाल के सिंगापुर जाने(Kejriwal Singapore Visit) को लेकर था जब एलजी ने उन्हें सिंगापुर जाने से रोक दिया था और यह मामला बीते 21 जुलाई का है.