OXYGEN की कमी से DELHI के BATRA HOSPITAL में कोहराम 12 लोग मरे..
कोविड-19 के बढ़ते मामलों से दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. लोग बीमारी से कम और अव्यवस्था से ज्यादा मर रहे हैं हर दिन मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है.
सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए रिकवरी रेट को अपनी सफलता सूचकांक के तौर पर दिखा रही है जबकि हकीकत इससे कहीं अलग और विभत्स है.
दिल्ली में बीते 24 घंटे में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 375 लोगों की मौत corona महामारी से हो गई. इनमें कितने लोग ऑक्सीजन और दवाओं के अभाव में मरे इसकी जानकारी ना तो सरकार देगी और ना ही कभी इसका पता आम जनता को चल पाएगा.
आज OXYGEN की कमी से दिल्ली के प्रतिष्ठित BATRA HOSPITAL में 12 लोगों की मौत हो गई. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इन 12 लोगों में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डिपार्टमेंट के एक एचओडी भी शामिल हैं. सोचिए जब प्राइवेट हॉस्पिटलों की यह हालत हैं तो सरकारी हॉस्पिटलों और कोविड सेंटरों के क्या हालात होंगे इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है.
सीएम केजरीवाल लगातार केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि दिल्ली को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली को प्रतिदिन 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है लेकिन आपूर्ति मात्र 312 से लेकर 335 टन ही की जा रही है जो कि दिल्ली के कोटे 490 मीट्रिक टन से भी कम है. मालूम हो कि शनिवार को ही बत्रा हॉस्पिटल प्रबंधन ने दिल्ली हाई कोर्ट में ऑक्सीजन की कमी के लिए गुहार लगाई थी. जिसमें साफ-साफ कहा गया था कि अगर हॉस्पिटल को ऑक्सीजन की सप्लाई समय रहते नहीं की गई तो कोई भी अनहोनी घट सकती है.
आज की घटना के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक बार फिर से लताड़ लगाई और कहा कि किसी भी हालत में दिल्ली को ऑक्सीजन मुहैया करानी होगी. हाईकोर्ट ने कहा कि अब बहुत हो चुका है अब पानी सर के ऊपर से गुजर चुका है.
अब बात यह है कि केजरीवाल सरकार केंद्र सरकार पर लाख आरोप लगाए लेकिन आज की इस त्रासदी के लिए केजरीवाल सरकार को भी जिम्मेदारी लेनी होगी.
एक्सपर्ट्स पहले से सूचित कर रहे थे कि corona की दूसरी लहर में जो सिम्टम्स पाए जा रहे हैं उसमें सबसे ज्यादा सांस से संबंधित हैं. फिर भी राज्य सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी.
![शनिवार को HIGH COURT में DELHI के BATRA HOSPITAL की फरियाद और आज एक H.O.D समेत 12 लोगों की OXYGEN की कमी से मौत 2 मास्क को बिना सही तरीके से लगाए सब्जी मंडी में सब्जी बेचता एक दुकानदार](https://www.thebharatbandhu.com/wp-content/uploads/2021/05/photo_2021-05-01_19-25-41-225x300.jpg)
एक और कारण है जिसकी वजह से दिल्ली की यह हालत हुई वो है दिल्ली वासियों का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार. फरवरी और शुरुआती मार्च में जनता और नेता दोनों बेफिक्र हो गए थे सब ने यह मान लिया था कि अब corona से हमने जंग जीत ली है.
सरकार ने भी धीरे-धीरे सारी पाबंदियां हटानी शुुरू कर दी कोविड-19 हॉस्पिटलों को नॉन कोविड हॉस्पिटलों में तब्दील किया जाने लगा. सार्वजनिक जगहों पर भीड़-भाड़ को जमा होने की मौन स्वीकृति दी जाने लगी. सरोजिनी नगर सरीखे मार्केट और अन्य साप्ताहिक बाजारों को आम जनता के लिए खोल दिया गया. सब्जी मंडियों में भी पहले की तरह ही भीड़ जुटने लगी. इस भीड़ में ना तो किसी को मास्क का ध्यान रहता था और ना ही शारीरिक दूरी का.
शादियों में भी लोग अपने मन मुताबिक जुटने लगे सरकार ने भी 200 लोगों तक जुटने की इजाजत दे दी. 10वीं और 12वीं के स्कूल खोल दिए गए. लापरवाही की फेहरिस्त लंबी है संक्षेप में यही कहा जा सकता है कि corona को रोकने की नहीं बल्कि उसे फैलाने की विधिवत तैयारी सरकार और जनता दोनों ने मिलकर कर ली थी.
महामारी के इस विकराल स्वरूप के बावजूद देश के प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अपने चाल-चलन से जनता को यह संदेश देने में आज भी विफल रहे हैं कि corona को हराने का एक ही तरीका है और वह है सावधानी और संयम.