Bulli Bai app Case का असली मास्टरमाइंड नीरज विश्नोई( Neeraj Vishnoi) दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में

Bulli Bai app
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Bulli Bai app Case मामले में दिल्ली पुलिस ने नीरज बिश्नोई( Neeraj Vishnoi) नामक शख्स को असम से गिरफ्तार कर लिया है. नीरज विश्नोई पर यह आरोप है कि इसी ने Bulli Bai app का पहला twitter handle बनाया था.

Neeraj Vishnoi
Neeraj Vishnoi age 21,VIT Student

नीरज विश्नोई को दिल्ली पुलिस आज ही दिल्ली कोर्ट में पेश करेगी. यहां यह भी चौंकाने वाली बात है कि विशाल कुमार झा जिसे इससे पहले इसी मामले में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था वह भी इंजीनियरिंग पृष्ठ भूमि से था और आज गिरफ्तार हुए नीरज बिश्नोई का भी इंजीनियरिंग बैकग्राउंड ही है.

नीरज की गिरफ्तारी से पहले मुंबई पुलिस ने विशाल कुमार झा की गिरफ्तारी बेंगलुरु से की थी. विशाल कुमार झा मूल रूप से बिहार का रहने वाला है और वह भी इंजीनियरिंग का छात्र है.

विशाल कुमार झा की गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस ने एक 18 वर्षीय लड़की जिसका नाम श्वेता सिंह बताया जा रहा है उसे उत्तराखंड से गिरफ्तार किया था. जिस पर यह आरोप लग रहे थे कि वह लड़की पूरे मामले की मास्टरमाइंड है.

उस लड़की को लेकर सोशल मीडिया पर सिंपैथिक कार्ड भी खेला गया. उस लड़की की पारिवारिक पृष्ठभूमि को सामने लाकर सिंपैथी हासिल करने की कोशिश की गई.

बताते चलें कि Bulli Bai app एक ऐसा ऐप है जिस पर कुछ खास वर्ग की महिलाओं के एडिटेड फोटो डालकर उन महिलाओं की नीलामी की बात कही जाती थी.

जिन महिलाओं के एडिटेड फोटो को Buli Bai App  पर इस्तेमाल किया गया है वह सभी की सभी महिलाएं सोशली बहुत ही ज्यादा एक्टिव रहती हैं और ऐसा लगता है कि उन्हें जानबूझकर टारगेट किया गया है.

जितनी भी महिलाओं को इस एप्प टारगेट किया गया है उनकी संख्या 100 से भी अधिक है और यह सभी एक खास समुदाय से आती है.

क्योंकि इसमें टारगेट की गई महिलाएं सोशली बहुत ही ज्यादा एक्टिव थी साथ ही हाईप्रोफाइल महिलाएं थी इस कारण यह मामला तेजी से तूल पकड़ता चला गया.

इस मामले के तूल पकड़ने के पीछे एक और महत्वपूर्ण कारण यह था कि इसमें जिन महिलाओं की नीलामी की बात कही जा रही थी वह सभी महिलाएं मुस्लिम वर्ग से हैं.

यह मामला सामने आते ही दिल्ली पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठने लगे थे क्योंकि इससे पहले भी इसी तरह के एक अन्य घटना क्रम में औरतों के फोटो को लगाया गया था और वहां भी मुस्लिम महिलाओं को ही टारगेट किया गया.

जब यह मामला दिल्ली पुलिस के संज्ञान में आया तो दिल्ली पुलिस पर यह आरोप लगने लगे थे कि दिल्ली पुलिस ने इस पर सख्ती नहीं दिखाई लेकिन आज की कार्यवाही को देखते हुए यह लग रहा है कि दिल्ली पुलिस पूरे एक्शन के मूड में है.

अब देखना यह है कि दिल्ली पुलिस और मुंबई पुलिस इस मामले को कितनी जल्दी सुलझा लेती है. मुंबई पुलिस अभी श्वेता सिंह और विशाल कुमार था से पूछताछ कर रही है.

वहीं इस मामले को लेकर राजनीति भी गर्म हो गई है. कुछ लोग इसे अल्पसंख्यक बनाम बहुसंख्यक बनाना चाहते हैं लेकिन अगर इस मामले को देखें तो यह अल्पसंख्यक बनाम बहुसंख्यक नहीं है बल्कि यह मामला पूरी तरह से महिलाओं की गरिमा से जुड़ा हुआ है.

इंटरनेट पर आज भी लाख प्रतिबंधों के बाद भी ऐसे वेबसाइट इजीली एक्सेसिबल हैं जिस पर आप आपत्तिजनक सामग्रियों को आसानी से दे सकते हैं.

इनमें से कई वेबसाइट ऐसे हैं जिसे कि भारत में बैन कर दिया गया है फिर भी यह  अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं. इन वेबसाइट के कारण खासकर युवा वर्गों में अनाचार बढ़ने की पूरी संभावना रहती है.

राहत की बात यह है कि अब भारत सरकार ने नए आईटी कानून के तहत ऐसे नियम बना दिए हैं जिसके अंतर्गत किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या फिर अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से इस प्रकार की घटनाओं में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है.

 

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