Bihar By Polls में Congress vs RJD, बिहार में विधानसभा के 2 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. लेकिन महागठबंधन का बंधन अब ढ़ीला पड़ने लगा है. तारापुर और कुशेश्वरस्थान विधानसभा के लिए उपचुनाव होने वाले हैं.
बिहार विधानसभा उपचुनाव को लेकर पहले आरजेडी ने दोनों सीटों से उम्मीदवारों की घोषणा की और आज कांग्रेस ने भी इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए. कांग्रेस ने कुशेश्वरस्थान से अतिरेक कुमार को और तारापुर से राजेश कुमार मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है.
कांग्रेस का आरोप था कि RJD ने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा से पहले सलाह मशविरा नहीं किया गया. वहीं आरजेडी का कहना है कि हम गठबंधन धर्म का पालन कर रहे हैं.
वैसे जिस दिन से कन्हैया कुमार ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी उसी दिन से दोनों ही पार्टी के नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई थी.अब देखना यह है कि इस उपचुनाव में किसके प्रत्याशी के सर जीत का सेहरा बनता है.
कहीं ऐसा ना हो इन दोनों पार्टियों के बीच आपसी लड़ाई में जदयू बीजेपी बाजी मार जाए. नीतीश कुमार के लिए यह चुनाव जीतना नाक का सवाल है. साथ ही आरजेडी के लिए भी यह चुनाव रणनीतिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण है.
अगर इन दोनों सीटों पर तेजस्वी यानी कि आरजेडी का कब्जा हो जाता है तो नीतीश की सरकार खतरे में आ सकती है, ऐसा राजनीतिक हलकों में चर्चा है. तेजस्वी यादव ने इशारों इशारों में कई बार यह बयान दिया है कि बिहार में सत्ता परिवर्तन होकर रहेगा.
वर्तमान में बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की जरूरत होगी. 122 के जादुई आंकड़े से अभी आरजेडी बहुत ही दूर है.
अगर RJD इस चुनाव में दोनों सीटें जीत भी जाती है फिर भी सरकार बनाने में सीधे रास्ते कामयाब नहीं हो पाएगी. सरकार बनाने के लिए आरजेडी को जोड़-तोड़ का सहारा लेना होगा और नीतीश कुमार जैसे मंझे हुए राजनीतिक खिलाड़ी के सामने से सत्ता की थाली को छीनना इतना आसान नहीं होगा.
2020 का विधानसभा चुनाव 28 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच कराया गया था. इस चुनाव में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसने 75 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी. मालूम हो कि विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने 144 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे जबकि कांग्रेस ने 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे.
2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारण आरजेडी का कहना था कि उपचुनाव में उसी दल के उम्मीदवार को उतारा जाना चाहिए जो कि जीत दर्ज कर सके.
वहीं कांग्रेस पार्टी में कन्हैया कुमार के आ जाने के कारण जोश का माहौल है. लेकिन कन्हैया कुमार अभी राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी नहीं हैं साथ ही इन दो विधानसभा सीटों में से कुशेश्वरस्थान सीट आरक्षित सीट(SC) है. और पिछड़ी जातियों पर कांग्रेस के मुकाबले आरजेडी की पकड़ ज्यादा मजबूत है.
आरजेडी के साथ एक और सकारात्मक बात यह है कि अब लालू प्रसाद यादव जेल से बाहर हैं और वो लगातार नेताओं के संपर्क में हैं. लेकिन इसके साथ ही आरजेडी में भी भीतर खाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. खासकर तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के बीच के संबंधों की खटास अब खुलकर सामने आने लगी है.
बीते दिनों एक मीडिया इंटरव्यू में तेज प्रताप यादव ने खुलकर या आरोप लगाया था कि उनके पिता को पटना नहीं आने दिया जा रहा. एक प्रकार से उन्हें बंधक बनाकर रखा गया है.
वहीं तेज प्रताप यादव के इस आरोप को तेजस्वी यादव ने एक सिरे से खारिज करते हुए यह कहा कि लालू प्रसाद यादव का व्यक्तित्व ही ऐसा है कि उन्हें कोई नहीं रोक सकता.
मालूम हो कि लालू प्रसाद यादव अभी जमानत पर जेल से बाहर हैं. लालू प्रसाद यादव 90 के दशक के चर्चित चारा घोटाले के मुख्य आरोपियों में एक हैं. अभी लालू प्रसाद यादव खराब स्वास्थ्य के कारण जमानत पर जेल से बाहर हैं.