- अलीगढ़ और मैनपुरी के नामों में बदलाव पर मुहर
- यह कैसे हुआ मुमकिन
यूपी में बीजेपी के सत्ता में आते ही इलाहाबाद और मुगलसराय जैसे पुराने शहरों के नामों को बदला गया, नामों को बदलने के पीछे बीजेपी ने हर बार ऐतिहासिक मूल्यों और साक्ष्यों का हवाला दिया लेकिन नाम का बदलना ऐतिहासिक और सार्वजनिक हितों से ज्यादा राजनीतिक विचार से आच्छादित रहा.
यूपी में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं इसको देखते हुए पक्ष और विपक्ष वोटरों को अपनी तरफ खींचने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते.
यूपी पंचायत चुनाव में बीजेपी को अप्रत्याशित सफलता मिली, इस सफलता ने पंचायत स्तर पर बीजेपी के हौसलों को बुलंद कर दिया है. इसका ताजा उदाहरण है यूपी के अलीगढ़ और मैनपुरी के नाम में बदलाव संबंधित प्रस्ताव को पंचायत स्तर पर सहमति मिलना.
जिला पंचायत बोर्ड ने अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ करने और मैनपुरी को मयन नगर करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है और इस प्रस्ताव को आगे की कार्यवाही के लिए राज्य सरकार को भेज दिया गया है.
मैनपुरी के संदर्भ में पंचायत समिति का तर्क है कि मैनपुरी का संबंध मयन ऋषि से है, इस कारण इसका नाम मयन नगर रखा जाना इतिहास को सहेजना है.
मालूम हो कि मैनपुरी में पहली बार बीजेपी को पंचायत स्तर पर सत्ता हासिल हुई है, इससे पहले मैनपुरी मैं समाजवादी पार्टी सत्ता पर काबिज थी.
जब मैनपुरी के लिए मयन नगर का प्रस्ताव रखा गया तो कुछ पंचायत सदस्यों ने इसका विरोध किया लेकिन बीजेपी के बहुमत में होने के कारण इस प्रस्ताव को पारित करा लिया गया. वहीं अलीगढ़ के नाम बदलने के संबंध में पंचायत बोर्ड की मीटिंग में के हरि सिंह और उमेश यादव ने हरिगढ़ नाम का प्रस्ताव रखा था जिसे की सर्वसम्मति से पास कर दिया गया.