Agnipath Protest Live Updates: अग्निपथ योजना को लेकर छात्रों का प्रदर्शन बिहार से लेकर हरियाणा तक हुआ उग्र, बिहार में छपरा सहित कई जिलों में ट्रेनों को किया आग के हवाले उत्तर प्रदेश में भी कई स्थानों पर आगजनी और पत्थरबाजी
भारत सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना(Agnipath Scheme) का विरोध पूरे देश में चरम पर पहुंच चुका है. छात्र हिंसक आंदोलन कर रहे हैं, जिसमें सार्वजनिक संपत्तियों का खासा नुकसान हो रहा है. अग्निपथ योजना का विरोध बिहार(Agnipath Protest ) से शुरू हुआ और यह लगभग 7 से 8 राज्यों में पहुंच चुका है.
बिहार राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित है. बिहार में छपरा गोपालगंज मुंगेर आरा भागलपुर में छात्रों ने जमकर उपद्रव किया. जिसमें सरकारी संपत्तियों का खासा नुकसान हुआ है कई ट्रेनों में आग लगा दे गई जिसमें कि यात्री सवार थे यात्रियों ने यहां वहां भागकर अपनी जान बचाई.
वहीं Agnipath स्कीम को लेकर अब बीजेपी के नेता छात्रों को समझाने में लगे हैं. उत्तराखंड में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए और मोदी की यात्रा को देखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने छात्रों से कहा है कि जब 4 साल बाद अग्निवीर अपनी 4 साल की सेवा समाप्त होने पर जब वापस आएंगे तो उन्हें राज्य सरकार में नौकरी के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे.वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को किसी बहकावे में नहीं आने की बात कही है.
दूसरी तरफ छात्र किसी की भी सुनने को तैयार नहीं हैंं. यूपी के अलीगढ़ में भी हिंसक प्रदर्शन हुए हैं. वहीं पलवल में भी छात्रों ने जमकर बवाल मचाया है.हरियाणा में डीएम ऑफिस पर पत्थरबाजी की गई. बताते चलें कि सरकार ने अग्नीपथ योजना के तहत युवाओं को 4 साल के लिए भारतीय सेना में भर्ती होने का अवसर प्रदान किया है.
लेकिन छात्र 4 साल की भर्ती को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. क्योंकि इस योजना में 4 साल के बाद मात्र 25% सैनिकों को ही आगे के लिए सेवा विस्तार दिया जाएगा 75% को अवकाश दे दिया जाएगा. छात्रों का कहना है कि 4 साल की नौकरी के बाद वह आगे क्या करेंगे, उनका भविष्य खतरे में पड़ जाएगा क्योंकि सरकार ने पहले ही 2 सालों से सेना में भर्ती बंद कर रखी है.
अग्निपथ योजना के तहत भर्ती हुए जवानों को अग्निवीर(Agnivir) कहा जाएगा और उन्हें 4 सालों के लिए नियुक्त किया जाएगा. इन 4 सालों में छह माह की उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी. पहले साल के लिए उन्हें 30000 का मासिक वेतन दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त उन्हें अन्य भत्ते भी दिए जाएंगे और चौथे साल उनका वेतन बढ़कर 40,000 प्रति माह हो जाएगा. लेकिन इसके साथ ही उनके वेतन से प्रतिमाह 30% की कटौती अग्निवीर फंड के लिए किया जाएगा और 4 साल बाद उन्हें 11.71 लाख रुपया दिया जाएगा.
मालूम हो कि भारतीय सेना से प्रत्येक साल 60 हजार के करीब से सेनिक रिटायर होते हैं और उतने ही जवानों की भर्ती की जाती है. युवकों का कहना है कि उन्हें अग्निपथ योजना(Agnipath Scheme) नहीं चहिए. पहले जिस प्रकार से भर्ती की प्रक्रिया थी उसी अनुसार सेना में भर्ती किया जाए. जिससे कि उनका आत्मसम्मान और सेना के प्रति उनकी कर्तव्यनिष्ठा बनी रहे.
Agnipath Scheme Protest Live Updates..