ABG Shipyard Banking Fraud:देश का अभी तक का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला गुजरात की ABG Shipyard ने नीरव मोदी को भी छोड़ा पीछे 22 हजार करोड़ से भी अधिक की बैंकों को चपत
देश में जहां एक तरफ आम आदमी को 10 से 20 हजार के लोन के लिए भी बैंकों के चक्कर काटने पड़ते हैं फिर भी बमुश्किल ही लोन मिल पाता है लेकिन बड़े-बड़े उद्योगपतियों और व्यापारियों पर बैंकों की मेहरबानी यूं ही हो जाती है.
ताजा मामला गुजरात के ABG Shipyard Banking Fraud से जुड़ा है जिसने एक नहीं बल्कि 28 बैंकों को जमकर चुना लगाया और रकम भी कोई छोटी-मोटी नहीं बल्कि पूरे 22 हजार 842 करोड़.
यह घोटाला साल 2012 से साल 2017 के बीच का है. इस घोटाले के संबंध में CBI को सबसे पहली शिकायत 2019 में दर्ज कराई गई थी जिस के बाद सीबीआई ने इस संबंध में जांच की और बीते 7 फरवरी को मामला दर्ज किया. बताते चलें कि किसी भी मामले को दर्ज करने से पहले सीबीआई इसकी जांच परख करती है.
ABG Shipyard गुजरात की कंपनी है जो जहाजों का निर्माण और मरम्मत के काम से जुड़ी है. जब यह घोटाला हुआ था उस समय ऋषि कमलेश अग्रवाल एबीजी शिपयार्ड के MD और चेयरमैन थे.
बताते चलें कि CBI ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(SBI) की शिकायत के बाद ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित आठ लोगों पर एफ आई आर दर्ज कर ली है.
इन लोगों पर देश के 28 बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. अब बात आती है कि किस किस बैंक में कितने कितने रुपयों का घोटाला हुआ है तो आइए जानते हैं उन टॉप 7 बैंकों सहित वित्तीय संस्थानों के नाम जिनको ABG Shipyard ने चुना लगाया है.
एबीजी शिपयार्ड ने सबसे ज्यादा चुना ICICI बैंक को लगाया है ICICI बैंक को 7089 करोड़ का चूना लगा है तो वहीं दूसरे नंबर पर वह बैंक है जिससे अब सरकार पीछा छुड़ाना चाह रही है यानी IDBI इस Bank को 3636 करोड़ की चपत लगी है.
बैंक ऑफ इंडिया(BOI) को 1614 करोड़ PNB को 1244 करोड़ आईओबी(IOB) को 1228 करोड़ और जीवन बीमा निगम(LIC) को 136 करोड़ रुपए की जबरदस्त चपत लगी है.
यह सात ऐसे संस्थान है जिसे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. अगर मीडिया रिपोर्ट पर गौर करें तो या कहा जा रहा है कि यह अभी तक का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला है यानी नीरव मोदी(Nirav Modi) से भी बड़ा बैंकिंग फ्रॉड.
वरुण गांधी(Varun Gandhi) ABG Shipyard Scam को लेकर हुए हमलावर पूछा सवाल: कहा देश का किसान या छोटा दुकानदार हजारों रुपए का भी क़र्ज़ न चुका पाए तो उनकी कुर्की होगी या उन्हे आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ता है, लेकिन हजारों करोड़ की चोरी करने वालों को आसानी से जमानत मिल जाती है..
देश का किसान या छोटा दुकानदार हजारों रुपए का भी क़र्ज़ न चुका पाए तो उनकी कुर्की होगी या उन्हे आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ता है, लेकिन हजारों करोड़ की चोरी करने वालों को आसानी से जमानत मिल जाती है और ये लोग मनमानी कीमत पर लेन-देन कर फिर से अपने वैभवशाली जीवन में लौट जाते हैं। pic.twitter.com/4zYrv5Uw2q
— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 13, 2022
मालूम हो कि यह बैंकिंग फ्रॉड 2012 से 17 के बीच का है इसलिए अब यह मुद्दा कांग्रेस बनाम बीजेपी का हो जाएगा इसमें कोई संदेह नहीं है लेकिन 2014 से केंद्र में बीजेपी की सरकार है और यह मामला सबसे पहले 2018 में प्रकाश में आया इसलिए सवाल तो बीजेपी सरकार पर भी उठेंगे ही.