Unacademy CEO On Tractor: Unacademy के CEO और उनके परिवार का सहारा बना ट्रक्टर

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Unacademy CEO On Tractor: भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन एजुकेशनल प्लेटफार्म Unacademy के CEO और उनके परिवार पर आई मुसीबत तो लग्जरी गाड़ियां नहीं ट्रैक्टर आया काम!!

कहावत है कि मुसीबत की घड़ी में अमीरी और गरीबी का फर्क मिट जाता है. बेंगलुरु में आई बाढ़(Bengaluru Flood) ने भी इसी बात को साबित कर दिया है.जहां बड़े से बड़े व्यापारी और पैसे वाले लोगों को उनकी लग्जरी गाड़ियां काम नहीं आ रही है बल्कि उन्हें ट्रैक्टर और JCB मशीन का सहारा लेना पड़ रहा है.

ऐसा ही एक वाकया देश के सबसे बड़े ऑनलाइन एजुकेशनल प्लेटफॉर्म के कर्ता-धर्ता के साथ भी पेश आया. जब ऑनलाइन एजुकेशनल प्लेटफॉर्म अनअकैडमी(Online Education Unacademy) के CEO और उनके परिवार को बेंगलुरु में बाढ़ की मुसीबत का सामना करना पड़ा और उन्हें अपने घर से सुरक्षित जगह(Safe Place) पर जाने के लिए ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा.

अनअकैडमी के सीईओ ने इस  घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया है. जिसमें यह साफ देखा जा सकता है कि अनअकैडमी के सीईओ गौरव मुंजाल(Gaurav Munjal Unacademy CEO) और उनके परिवार सहित उनका कुत्ता भी एक ट्रैक्टर पर सवार है और सुरक्षित ठिकाने की ओर जा रहे हैं.

बेंगलुरु में लगातार बारिश होने से वहां के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं वहीं मौसम विभाग ने अगले 4 दिनों तक भारी बारिश की आशंका जताई है. जिस कारण वहां रह रहे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ऐसा बताया जा रहा है कि बेंगलुरु में ऐसी बारिश 42 साल के बाद हुई है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सिर्फ बारिश की वजह से ही बेंगलुरु में दिक्कत है या फिर इसमें ड्रेनेज सिस्टम की समस्या भी इस मुसीबत को और बढ़ा रही है.

अगर याद हो तो बिहार की राजधानी पटना में भी पिछले साल ही बरसात के दौरान ड्रेनेज सिस्टम के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी. जिसके बाद प्रमुख विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा था साथ ही बीजेपी जोकि पटना नगर निगम सत्ता पर काबिज है उसकी नीतियों पर भी उंगलियां उठी थी.

हमने जब बेंगलुरु में कई लोगों से बात की तो और भी कई ऐसे खुलासे हुए जिससे यह पता चलता है कि बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में साफ सफाई पर भी ध्यान नहीं दिया जाता है. लोगों का कहना है कि पॉश इलाके में भी गंदगी का अंबार पड़ा रहता है. डस्टबिन की भी सुविधा यदा-कदा ही दिखाई पड़ती है. जिस कारण कचरे यहां वहां पड़े मिलते हैं.

वही बेंगलुरु की साफ-सफाई और ड्रेनेज सिस्टम के बारे में बात करते हुए कर्नाटक के CM ने कहा कि बेंगलुरु में ड्रेनेज सिस्टम के लिए डेढ़ हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. वहीं उन्होंने अतिक्रमण हटाने को लेकर भी बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में अतिक्रमण को हटाने के लिए 300 करोड़ रुपए दिए गए हैं.

बताते चलें कि यहां-वहां पड़े हुए कचरे ड्रेनेज सिस्टम को जाम करने में प्रमुख भूमिका अदा करते हैं. बेंगलुरू कर्नाटका की राजधानी है और राजधानी में इस प्रकार की चरमराई व्यवस्था से लोगों का पारा भी हाय है. लोगों का कहना है कि सरकार को ड्रेनेज सिस्टम पर ध्यान देना चाहिए. क्योंकि बेंगलुरु जैसे शहर में जहां की देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों से लोग काम करने आते हैं उन्हें समस्याओं का सामना ना करना पड़े.

लगातार हो रही बारिश से बेंगलुरु एयरपोर्ट(Bengaluru Airport) का हाल भी बेहाल है. मीडिया में कई खबरें और तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें यह साफ देखा जा सकता है कि बेंगलुरु के हवाई अड्डे से बाहर निकलने के लिए यात्रियों को ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि बेंगलुरु एयरपोर्ट के आसपास की सड़कें पूरी तरह से पानी में डूबी हुई हैं.

 

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