15+ Covid Vaccination Registration: 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों केलिए Covid Vaccine registration process को बेहद आसान कर दिया गया है Online या offline दोनों की है सुविधा, जानिए पूरी खबर
15 से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए आज से यानी 3 जनवरी से Vaccine उपलब्ध करा दी गई है. बच्चों के लिए भारत बायोटेक की Covaxin को मान्यता दी गई है.
ग्रामीण क्षेत्र के लोग रखें ख्याल: खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग यह ख्याल रखें कि जब बच्चों को वैक्सीन दी जा रही हो तो यह सुनिश्चित कर लें कि उन्हें को Covaxin ही दिया गया हो.
वैसे तो सरकारी निर्देश में यह साफ है कि कहीं भी किसी प्रकार की कोई गलती ना हो और बच्चों की वैक्सीन को बड़ों की वैक्सिंग के साथ ना मिलाया जाए. उन्हें सेपरेट रखा जाए.
मालूम हो कि भारत में 15 से 18 आयु वर्ग के 10 करोड़ बच्चों को corona का टीका दिया जाना है. अभी तक लगभग आठ लाख 15+ इस ग्रुप के बच्चों का Co-WIN App पर registration हो चुका है.
Registration के लिए Online Offline दोनों का दिया गया है विकल्प: लोगों की सुविधा को देखते हुए सरकार ने बच्चों के वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों का विकल्प दिया है.
अगर आपको ऑनलाइन विकल्प चुनना है तो इसके लिए Co-WIN App पर जाना होगा. जहां जाकर आपको अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा. उसके बाद आपके पास एक OTP आएगा.
इस ओटीपी को दर्ज़ कर फिर बच्चे का डिटेल वहां पर दर्ज करना होगा. जिसके बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी. बच्चे के ID के लिए दसवीं कक्षा के आईडी को भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है.
वहीं ऑफलाइन विकल्प के लिए सीधे टीकाकरण केंद्र पर जाकर बच्चे का नाम रजिस्टर्ड कराकर बच्चे को टीका दिलाया जा सकता है.
इसलिए मां-बाप और अभिभावकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है कि वह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पा रहे हैं. साथ ही एक बात और जो भी मां-बाप यह भ्रम में है कि वैक्सीन लेने से उनके बच्चे पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है तो सरकार ने यह साफ किया है कि जो वैक्सीन बच्चों को दी जा रही है वह पूरी तरह से सेफ है.
लेकिन यह बात बताना जरूरी है कि बच्चों को दी जाने वाली वैक्सीन का अभी तक बड़े पैमाने पर ट्रायल हुआ है या नहीं इस बारे में कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है.
कई विशेषज्ञ और डॉक्टर बच्चों की वैक्सीन को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं उनका कहना है कि बच्चों को दी जाने वाली वैक्सीन की पहले वृहद पैमाने पर ट्रायल होना चाहिए था.
सरकार ने अभी तक अपनी तरफ से ना तो इसके पक्ष में कोई बात कही है और ना ही इसका खंड ही किया है. वैसे मालूम हो कि जब बड़े लोगों के लिए वैक्सीन देने की बात हुई थी उस समय भी कुछ लोगों ने वैक्सीन पर संदेह जताया था.
वैसे वैक्सीन के असर को लेकर अभी भी वैज्ञानिकों में और डॉक्टरों में एकमत नहीं है. चाहे वह वैक्सीन बच्चों की हो या बड़ों की हो क्योंकि अभी तक यह देखा जा रहा है कि जिनको वैक्सीन कि दोनों डोज भी लग चुकी है वह भी corona से दोबारा संक्रमित हो रहे हैं.
लेकिन वैक्सीन के समर्थन में जो डॉक्टर और वैज्ञानिक है उनका कहना है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद corona का खतरा कम होता है. यानी कि अगर corona का इंफेक्शन हो भी जाए तो भी उससे उत्पन्न खतरे बेहद ही कम होते हैं.
कोरोना से बचाव के लिए बिना किसी किंतु परंतु के बच्चों को दिलाएं Vaccine
शुरुआत में जब यह बात सामने आई थी कि आखिर वैक्सीन से imunity कब तक रहेगी यानी की वैक्सीन का असर कब तक रहेगा, तो इस पर कुछ भी खुले रुप से नहीं कहा गया था.
लेकिन अब यह साफ होने लगा है कि किसी भी वैक्सीन को लेने के बाद वह मात्र छह से 9 महीने तक की सुरक्षा दे पा रही है और यह भी डाटा अभी तक पूरी तरह से उपलब्ध नहीं है.
इसलिए भारत में भी Booster dose की शुरुआत करने की अनुमती दे दी गई है. भारत में इसे बूस्टर डोज ना कह कर इसे प्रिकॉशन डोज कहा जा रहा है. प्रिकॉशन डोज को लेकर भी बहुत सारे वैज्ञानिक डॉक्टर बुद्धिजीवी सवाल उठा रहे हैं.
कुछ डॉक्टरों का कहना है कि प्रिकॉशन डोज या फिर बूस्टर डोज से किसी को क्या फायदा होगा या क्या नुकसान होगा इसकी पूरी गंभीरता से जांच नहीं की गई है.