WHO said the Pandemic is not over yet: WHO की साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने corona के खात्मे को लेकर गलत अफवाह पर विश्व को किया आगाह
भारत सहित विश्व में अब corona के मामले धीरे-धीरे कम होने लगे हैं, जिसके बाद जहां जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है तो वहीं इस महामारी को लेकर आम जनता और सरकारें थोड़ी लापरवाही होती नजर आ रही हैं.
इस लापरवाही को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) की साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन(Soumya Swaminathan) का एक बड़ा बयान सामने आया है. यह बयान corona के खात्में को लेकर लोगों की चिंता बढ़ाने वाला है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) की Chief Scientist Soumya Swaminathan एक साक्षात्कार के दौरान corona के खात्मे पर यानी उसके अंत को लेकर फैल रही अफवाहों पर काफी गंभीर और चिंतित नजर आई.
साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि अभी यह कहना कि corona महामारी खत्म हो गई है बहुत जल्दबाजी होगी क्योंकि अभी तक खासकर गरीब देशों की 80 से 85% आबादी को corona का टीका नहीं लगाया गया है. यह बेहद ही अफसोसनाक है.
सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि corona एक संक्रामक बीमारी है और यह बेहद तेजी से अपने स्वरूप में बदलाव लाता है.यह कोई नहीं जानता इसका कौन-सा वेरिएंट फिर से तबाही लेकर आ जाएगा.
सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि लोग जिस तरह से यह सोचकर लापरवाह हो रहे हैं कि अब corona का खात्मा हो गया तो वह बेहद ही चिंता का विषय है.
उन्होंने कहा कि अभी लोगों को सतर्कता नहीं छोड़नी चाहिए. यह कोई नहीं जानता कि corona का कौन सा वेरिएंट कब खतरनाक रूप में उपस्थित हो जाए.
मालूम हो कि corona के घटते मामलों को देखते हुए विश्व के अधिकतर देशों में corona को लेकर की गई सख्ती में बहुत हद तक ढील दे दी गई है. ब्रिटेन में तो मास्क ना पहनने की भी छूट दे दी गई है.
भारत में भी अधिकतर राज्यों में अब स्कूल कॉलेजों बाजारों और अन्य सार्वजनिक स्थानों को खोल दिया गया है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी 7 जनवरी से स्कूल कॉलेजों और बाजारों को पूर्ण रूप से खोलने की अनुमति दे दी गई है.
वहीं आज मध्य प्रदेश(MP) में भी नाइट कर्फ्यू को छोड़ अन्य पाबंदियों को हटा लिया गया है. महाराष्ट्र में तो सरकार मास्क को हटाने पर भी विचार कर रही है. इसको लेकर बैठकें की जा रही हैं.
पाबंदियों के हटने के बाद लोगों में लापरवाही साफ देखी जा सकती है जिसकी वजह से यह डर है कि कहीं corona अपने पुराने रूप को फिर से अख्तियार ना कर ले, जिस ओर WHO की साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन इशारा कर रही हैं.