SPG ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के बेटे और कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे(Aditya Thackeray) को PM मोदी के स्वागत में जाने से रोका, उद्धव ठाकरे हुए नाराज, काफी कहासुनी के बाद मिली इजाजत..
महाराष्ट्र से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां SPG ने PM मोदी के स्वागत के लिए जा रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे(Aditya Thackeray) को उद्धव ठाकरे की कार से उतर जाने को कह दिया. SPG का तर्क था कि प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए जाने वाले लोगों की लिस्ट में आदित्य ठाकरे का नाम नहीं है और इस कारण प्रोटोकॉल के तहत हम उन्हें नहीं जाने दे रहे.
आदित्य ठाकरे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार में सवार थे और एक पिता और मुख्यमंत्री होने के नाते उन्हें एसपीजी का यह रवैया नागवार गुजरा.उद्धव ठाकरे ने कहा कि आदित्य मेरे बेटे होने के नाते प्रधानमंत्री के स्वागत में नहीं जा रहा थे बल्कि वह एक मंत्री की हैसियत से वहां जा रहे थे जो कि प्रोटोकॉल का हिस्सा है.
विवाद बढ़ता देख और काफी कहासुनी के बाद उद्धव ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे को प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए जाने दिया गया लेकिन इस मामले ने राजनीतिक रूप से तूल पकड़ लिया है. जहां एक तरफ कुछ नेताओं का कहना है कि यह जानबूझकर किया गया तो वही अन्य नेताओं का कहना है कि यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़ा विषय है और इस पर अंतिम निर्णय SPG का होता है.
पीएम मोदी राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने मुंबई पहुंचे हैं.महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपने बेटे और कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे के साथ पीएम मोदी के स्वागत के लिए नौसेना के हेलीपोर्ट INS शिकरा गए थे जोकि कोलाबा में स्थित है.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इस पूरे घटनाक्रम पर SPG ने INS बेस पर पीएम मोदी की अगवानी करने वाले VIP लोगों की सूची में आदित्य ठाकरे के नाम का ना होना बताया है.
जब आदित्य ठाकरे को एसपीजी द्वारा कार से नीचे उतर जाने को कहा गया तो उद्धव ठाकरे असमंजस में पड़ गए और उन्होंने एसपीजी के सामने या तर्क दिया कि आदित्य ठाकरे प्रोटोकॉल मंत्री के तहत प्रधानमंत्री का स्वागत करने जा रहे हैं. इसलिए उनके साथ यह व्यवहार अनुचित है.
दूसरी तरफ समारोह में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को भाषण देने की अनुमति नहीं दिए जाने को लेकर भी अब सियासी बवाल खड़ा होता दिख रहा है. NCP के नेता सुप्रिया सुले ने इस मामले को बड़े ही गंभीरता से उठाया है.