Patna Ganga River: गंगा की स्वच्छता को लेकर बिहार की नीतीश सरकार सवालों के घेरे में CAG की रिपोर्ट 684 करोड़ के फंड का नहीं हो सका इस्तेमाल
बिहार(Bihar) की डबल इंजन सरकार गंगा(Ganga River) सफाई के मामले में हिचकोले खा कर चल रही है. इसका खुलासा बिहार विधानसभा में पेश की गई CAG की रिपोर्ट में हुआ है.
पटना के सीवरेज सिस्टम (Patna Sewerage System) को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा नमामि गंगे (Namami Gange) योजना के तहत दी गई धनराशि में से बिहार सरकार द्वारा मात्र 16 से 50 फ़ीसदी का ही इस्तेमाल किया गया है.
कैग (CAG) की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि बिहार सरकार केंद्र द्वारा नमामि गंगे के लिए आवंटित राशि में से 684 करोड रुपए का इस्तेमाल नहीं कर पाई. अक्सर देखा जाता है कि किसी योजना के लिए फंड उपलब्ध नहीं होने पर काम नहीं हो पाता लेकिन गंगा स्वच्छता को लेकर मामला उलटा ही दिखता है.
कैग की रिपोर्ट में बीते चार सालों का लेखा-जोखा है. जिसमें कहा गया है कि बिहार स्टेट गंगा रिवर कंजर्वेशन एंड प्रोग्राम मैनेजमेंट सोसायटी (BGCMS) ने बीते 4 सालों के दौरान केंद्र सरकार द्वारा नमामि गंगा योजना के तहत उपलब्ध कराई गई राशि में से 484 करोड़ की राशि खर्च नहीं कर पाई.
राशि को खर्च नहीं किए जाने के पीछे निश्चित रूप से सरकार की निष्क्रियता है, क्योंकि आवंटित राशि का किसी योजना के क्रियान्वयन में खर्च नहीं हो पाना बेहद ही गंभीर मामला है और बिहार जैसे पिछड़े प्रदेश के लिए तो फंंड उपलब्ध रहने पर खर्च ना होना चिंता का भी विषय है.