Omicron Corona Variant के खतरो के बीच Covid-19 के आंकड़ों को संसद में किया गया पेश, 10 लाख आबादी पर हुई 340 मौतें

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Omicron Corona Variant के खतरो के बीच आज संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान Covid-19 के विस्तृत आंकड़ों को स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने संसद के पटल पर रखा.

आज संसद में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि अभी तक भारत में कोरोनावायरस के 3.46 करोड़ मामले सामने आए हैं.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा भारत में कोविड-19 के संक्रमण से अभी तक 4.6 लाख लोग अपनी जान गवां चुके हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार मौत की यह संख्या corona के कुल मामलों का 1.36% है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा भारत में प्रति दस लाख आबादी पर 25 हजार Covid-19 के मामले दर्ज किए गए हैं.

वहीं आबादी के हिसाब से मौतों के आंकड़े पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत में प्रति 10 लाख आबादी पर 340 लोगों की जान इस महामारी से गई है.

Omicron Corona Variant के खतरों को देखते हुए  जर्मनी में जो नहीं लगाएंगे Vaccine उनके लिए Lockdown

Corona के नए Variant Omicron के खतरों से पूरा विश्व सतर्क हो गया है और अब यह सतर्कता सख्ती  का रूप लेते जा रही है.

इसका ताजा उदाहरण जर्मनी है जहां वैक्सीन नहीं लगाने वाले लोगों को घर से बाहर निकलने पर पूर्ण पाबंदी लगा दी गई है.

जर्मनी की चांसलर ने घोषणा की है कि अब जो भी लोग वैक्सीन नहीं लगाएंगे या जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगाया है उन लोगों को सार्वजनिक जगहों पर जाने पर पाबंदी लगा दी गई है.

बात सिर्फ सार्वजनिक जगहों पर जाने की पाबंदी से ही जुड़ी हुई नहीं है बल्कि वैसे लोग जिन्होंने वैक्सीन अभी तक नहीं लगाया है उन पर सामान्य कामकाज के लिए भी बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

क्या भारत में भी वैक्सीन नहीं लेने वालों पर सरकार लगाएगी पाबंदी??

भारत में भी ऐसी आशंकाएं जताई जा रही हैं कि corona के नए वैरीअंट के खतरों को देखते हुए कुछ राज्य जल्द ही बड़ा फैसला लेंगे. जिसमें कि महाराष्ट्र और दिल्ली को लेकर यह कहा जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

मालूम हो कि corona के नए वैरिएंट  को लेकर अभी तक कोई खास जानकारी सामने नहीं आई है कि इससे कितना खतरा है या फिर corona का पिछला वैरीअंट जिसे डेल्टा वैरीअंट नाम दिया गया था,जिसने कि भारत में तबाही मचायी थी, उससे यह कितना गुना ज्यादा खतरनाक है.

क्योंकि अभी तक जो मामले सामने आ रहे हैं उसमें कुछ मामले तो ऐसे हैं जिसमें कि लोगों ने वैक्सीन के दोनों डोज ले लिए थे फिर भी वह corona के इस नए वेरिएंट से संक्रमित पाए गए.

ऐसे में यह बहस भी छिड़ गई है कि क्या मौजूदा वैक्सीन corona के इस नए वैरीअंट पर काम करेगी या नहीं. विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने भी अभी इस नए वेरिएंट पर कोई खास जानकारी नहीं दी है.

जहां तक बात है वैक्सीन के डोज को लेकर सख्ती बरतने की तो उससे ज्यादा सख्ती उन लोगों पर बरती जानी चाहिए जो बगैर मास्क के सार्वजनिक जगहों पर घूमते हुए नजर आते हैं.

अभी भारत में पंजाब उत्तर प्रदेश उत्तराखंड इत्यादि राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और लगातार पक्ष और विपक्ष के नेता इन राज्यों का दौरा कर रहे हैं. साथ ही ये नेता गण corona के प्रोटोकॉल कि सार्वजनिक रूप से धज्जियां उड़ा रहे हैं जिसे की साफ देखा जा सकता है.

ऐसे में जहां कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग  और मास्क लगाने जैसे नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं वहां सिर्फ वैक्सीन पर निर्भर हो जाना corona जैसी महामारी को खुला आमंत्रण देने जैसा होगा.

अगर हम बात कोरोनावायरस के इस नए स्वरूप की करें तो Omicron के बारे में कहा जा रहा है कि यह पिछले डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. इसके पीछे जो मूल कारण है वह है इसके r-value का डेल्टा वेरिएंट से बहुत ही ज्यादा होना.

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