No Punishment For Parali : किसानों के हक में Modi सरकार ने बड़ा फैसला लिया है सरकार ने कहा है कि अब पराली जलाने पर केस नहीं किया जाएगा.MSP पर भी जल्द ही फैसला.
No Punishment For Parali: केंद्र की Modi सरकार ने आज पराली और MSP को लेकर बड़ी बात कही है. सरकार ने कहा है कि अब पराली जलाना गैरकानूनी नहीं होगा और किसानों पर अब किसी प्रकार का केस भी नहीं किया जाएगा.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि अब सरकार ने किसानों की लगभग सारी मांगे मान ली है. इसलिए किसान जल्द से जल्द अपने घर की ओर लौट जाएं.
मालूम हो कि गुरु नानक जयंती के दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवादों में घिरे तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी. जिसके बाद केंद्रीय कैबिनेट ने भी इस पर मुहर लगा दी थी.
अब पराली पर सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य कदम है, ऐसा किसानों का भी कहना है. लेकिन एमएसपी के संबंध में अभी भी किसान आशंकित हैं.
वहीं मोदी सरकार का कहना है कि प्रधानमंत्री ने एक कमिटी बनाने की घोषणा की है. और उस कमेटी के फैसले पर ही MSP के संबंध में फैसला लिया जाएगा.
आज केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के इस बयान के बाद कि पराली जलाने पर अब किसानों पर केस दर्ज नहीं किया जाएगा, यह किसानों के लिए राहत की बात है. लेकिन जब नरेंद्र सिंह तोमर से पूछा गया कि जिन किसानों पर केस दर्ज़ किए गए हैं क्या उन पर से मुकदमे वापस लिए जाएंगे!
मुकदमा वापस लिए जाने को लेकर नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि यह राज्य सरकार का विषय है. और राज्य सरकार ही इसके संबंध में अंतिम निर्णय लेगी.
मालूम हो कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए सरकारें चाहे वह केंद्र की हो या फिर राज्य की, पराली का जलाया जाना प्रमुख कारणों में गिनाती हैं. जबकि रिपोर्टों में यह खुलासा हो चुका है कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों के प्रदूषण में पराली का योगदान बहुत ज्यादा नहीं है.
पराली को प्रदूषण के लिए प्रमुख कारणों में गिनाने पर सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया था. और कहा था कि हर बात में किसानों को कोसना ठीक नहीं है.
किसानों के हक में लगातार हो रहे फैसले के पीछे कहीं UP में BJP को हार का डर तो नहीं
केंद्र सरकार द्वारा लगातार किसानों के हक में लिए जा रहे फैसले के पीछे यूपी विधानसभा में होने वाला चुनाव भी हो सकता है. यूपी सरकार और केंद्र सरकार को यह डर सताने लगी थी कि कहीं ऐसा ना हो कि उपचुनावों के नतीजे यूपी के विधानसभा चुनाव में भी परिलक्षित हो.
मालूम हो कि अभी हाल में ही संपन्न हुए उपचुनाव में भाजपा का प्रदर्शन उतना बेहतर नहीं रहा था. जिसे देखकर भाजपा ने किसानों के मुद्दों को तरजीह देनी शुरू कर दी.
क्या अब किसान आंदोलन होगा वापस,जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास पर भी मोदी के संबोधन में मुख्य रूप से किसानों का ही जिक्र था
अब देखना यह है कि पराली के मुद्दे पर भी जब मोदी सरकार ने हामी भर दी है और MSP पर भी बातचीत के लिए अब तैयार दिख रही है. तो क्या किसान अपना आंदोलन वापस लेते हैं या फिर नहीं.
कल नरेंद्र मोदी ने जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास के वक्त भी इस एयरपोर्ट को किसानों को समर्पित किया था और कहा था कि इस रिपोर्ट के बनने के बाद किसानों को बहुत ही लाभ मिलेगा.
नरेंद्र मोदी का कहना था कि इस एयरपोर्ट के बन जाने के बाद किसान अपने फल और सब्जियों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिला पाएंगे और जल्द से जल्द एक जगह से दूसरी जगह भेज पाएंगे.
लेकिन इन सब बातों के बीच देखना यह है कि सरकार के द्वारा बनाई गई कमेटी न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर क्या रिपोर्ट देती है और किसान आंदोलन में सम्मिलित नेता गन इस रिपोर्ट पर कहां तक सहमत होते हैं.
वैसे एक बात तो साफ है कि जिस तरह से किसान आंदोलन के शुरुआती दिनों में मोदी सरकार का अड़ियल रवैया था. अब वह रवैया थोड़ा नरम पड़ता जा रहा है. जिसे देखकर ऐसा लग रहा है कि आने वाले दिनों में किसानों के हक में और भी बेहतर फैसले हो सकते हैं.