National Human Rights Commission: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अरुण कुमार मिश्रा की NHRC के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति कर दी गई है.
NHRC के अध्यक्ष के रूप में अभी तक सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस(CJI) की ही नियुक्ति होती आई थी.
लेकिन यह पहला मौका है जब इस परंपरा से इतर सुप्रीम कोर्ट(SC) के पूर्व न्यायधीश की नियुक्ति मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के रूप में की गई है.
मालूम हो कि पहले NHRC के अध्यक्ष का पद 5 साल का होता था लेकिन अब इसे संशोधन कर 3 साल का कर दिया गया है.
NHRC के अध्यक्ष का चुनाव एक कमेटी द्वारा किया जाता है जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं.
इस कमेटी द्वारा सुझाए गए नाम को राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है और फिर राष्ट्रपति इनकी नियुक्ति करते हैं.
इस कमेटी के सदस्यों में लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा में विपक्ष के नेता राज्यसभा में विपक्ष के नेता राज्यसभा के उपसभापति और देश के गृह मंत्री शामिल होते हैं.
अरुण कुमार मिश्रा की नियुक्ति के बाद एक बार फिर से मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. क्योंकि अरुण कुमार मिश्रा को प्रधानमंत्री मोदी के प्रशंसक के तौर पर देखा जाता है.
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के पद पर रहते हुए अरुण कुमार मिश्रा ने कई बार प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की है.
एक बार एक विशेष मौके पर अरुण कुमार मिश्रा ने प्रधानमंत्री मोदी को जीनियस कहा था. अरुण कुमार मिश्रा ने कहा था कि प्रधानमंत्री(PM) मोदी सोचते विश्व स्तर पर हैं लेकिन उनका काम जमीनी होता है.
पद पर रहते हुए अरुण कुमार मिश्रा की इस टिप्पणी के बाद सियासी गलियारों में काफी हलचल मची थी.
विपक्ष का कहना है कि उच्च संवैधानिक पदों पर उन्हीं लोगों की नियुक्ति हो रही है जो प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हैं.