किसान आंदोलन(Kisan Andolan) वापस लिए जाने को लेकर राकेश टिकैत(Rakesh Tikait) ने कहा, MSP की गारंटी के बिना नहीं मानेंगे, 27 नवंबर की बैठक के बाद ही आंदोलन के भविष्य पर लिया जाएगा फैसला.
PM MODI ने प्रकाश पर्व के दिन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद भी किसान डटे हैं आंदोलन पर
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की गारंटी देने के बाद भी किसान आंदोलन को वापस लेने पर अभी तक राजी नहीं हुए हैं.
किसानों का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) की गारंटी के बिना किसानों का भला नहीं होना होने वाला. इस कारण सरकार अगर हमें एमएसपी की गारंटी दे देती है तो आंदोलन खत्म हो जाएगा.
ये आंदोलन अभी ख़त्म नहीं होगा। 27 नवंबर को हमारी बैठक है जिसके बाद हम आगे के निर्णय लेंगे। मोदी जी ने कहा है कि 1 जनवरी से किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी तो हम पूछेंगे कि कैसे दोगुनी होगी। किसानों की जीत तब होगी जब उन्हें अपनी फसलों के दाम मिल जाएंगे: राकेश टिकैत, BKU pic.twitter.com/qRoPdSgYtE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 24, 2021
वैसे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि आंदोलन के भविष्य पर 27 नवंबर को होने वाली बैठक में ही फैसला हो पाएगा. किसान नेता का कहना है कि एमएसपी पर गारंटी वाला कानून यह हमारी पुरानी मांगों में पहले से ही शामिल है.
आज कैबिनेट में औपचारिक रूप से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा
आज कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कही गई बातों पर मुहर लगा दी गई. कैबिनेट की बैठक में यह औपचारिक रूप से फैसला लिया कि संसद के शीतकालीन सत्र में इन तीनों कानूनों को वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी आज केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी है. अनुराग ठाकुर ने कहा है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की प्रक्रिया शीत सत्र में शुरू कर दी जाएगी. जिस के संबंध में आज कैबिनेट में विचार विमर्श के बाद औपचारिक फैसला ले लिया गया.
लेकिन किसान जिस मुद्दे पर अभी भी अड़े हुए हैं वह है न्यूनतम समर्थन मूल्य का मुद्द. जिस पर केंद्र सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई सूचना मीडिया को अभी तक नहीं दी गई है.