करनाल(Karnal) हरियाणा 4 दिनों से चल रहा किसानों का विरोध प्रदर्शन प्रशासन की सूझबूझ से समाप्त हो गया है. किसानों की कुछ मांगों पर सरकार ने हामी भर दी है.
किन मांगों की पूर्ति पर समाप्त हुआ किसानों का धरना प्रदर्शन
- SDM आयुष सिन्हा को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा गया मालूम हो कि एसडीएम आयुष पर किसानों का आरोप है कि उन्होंने किसानों के सर फोड़ने के आदेश दिए थे. इसका एक वीडियो वायरल हुआ था
- SDM आयुष सिन्हा से जुड़े मामले की जांच हाईकोर्ट के जज द्वारा की जाएगी
- टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज में जान गवाने वाले सुशील के परिवार को DC रेट पर नौकरी के साथ-साथ 25 लाख का मुआवजा दिया जाएगा
- पुलिस द्वारा किसानों की तोड़ी गई गाड़ियों का मुआवजा भी दिया जाएगा
- इसके साथ-साथ घायल किसानों को दो लाख का मुआवजा देने का भी ऐलान किया गया है
कुछ जगहों पर यह चर्चा भी जोरों पर है कि करनाल में धरना प्रदर्शन को समाप्त करने पर किसान इस लिए राजी हो गए क्योंकि किसान नेताओं को यह डर था कि कहीं ऐसा ना हो जाए कि करनाल में धरना प्रदर्शन के कारण उनके दिल्ली का आंदोलन कमजोर पड़ जाए.
क्योंकि ज्यादातर किसान करनाल के रास्ते दिल्ली आते हैं और हो सकता है कि अधिकतर किसान करनाल में ही रुक जाएं, जिससे दिल्ली में चल रहे प्रदर्शनों में जोश और भीड़ दोनों की ही कमी हो सकती है.
साथ ही किसान आंदोलन का मुद्दा क्षेत्रीय मुद्दा बनकर रह जाने का डर भी किसान नेताओं के मन में घर कर गया था. आज धरना प्रदर्शन समाप्ति के मौके पर प्रशासन और किसान नेता दोनों एक ही मंच पर उपस्थित थे.
अधूरी ही सही लेकिन किसानों की मांगों की पूर्ति के कारण कहीं न कहीं सरकार की एक सकारात्मक छवि लोगों के बीच में जाएगी.
अब बीजेपी सरकार लोगों को यह समझा पाने में कामयाब हो सकती है कि अगर मांग जायज हो तो हम मानने को तैयार हैं, लेकिन कानून के दायरे में रहकर. क्योंकि जो मांगे मानी गई हैं उन्हें पहले दिन भी मानी जा सकती थी लेकिन सरकार ने वक्त लिया और लोगों के बीच एक संदेश भी दिया कि हम गैर कानूनी रूप से किसी मांग को नहीं मानेंगे.