Farmer’s Protest ended, farmers walked towards their homes: 1 साल से भी अधिक समय से चला आ रहा किसान आंदोलन(Kisan Andolan) आखिर हुआ समाप्त. सिंघु बॉर्डर और गाजीपुरबॉर्डर के सथ-सथ अन्य जगहों से किसान चले अपने घर की ओर.
सरकार ने किसानों की अधिकतर मांगों को मान लिया है.जिसके बाद किसान नेताओं (SKM) ने भी यह फैसला किया कि इस आंदोलन को अब समाप्त किया जाए और अपने-अपने घर की ओर चला जाए.
Video में देखिए किसानों की वापसी का नज़ारा
#WATCH प्रदर्शनकारी किसान टिकरी बॉर्डर से प्रदर्शन स्थल खाली करके वापस जा रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने आज से प्रदर्शन स्थल खाली करने की घोषणा की थी। pic.twitter.com/sipulT092D
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 11, 2021
:सरकार से लगातार बातचीत और किसानों की तटस्थता के कारण भारत सरकार ने किसानों की अधिकतर मांगों को मान लिया. जिसमें विवादित तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना और MSP पर कमेटी का गठन करना शामिल है.
आंदोलन समाप्ति पर संदेह की स्थिति उस समय उत्पन्न हो गई थी जब मीडिया रिपोर्ट्स में यह बातें आई कि सरकार का कहना है कि पहले आंदोलन की समाप्ति हो तब किसानों पर दर्ज हुए मामले वापस होंगे.
लेकिन फिर सरकार और किसानों के बीच आम सहमति बनी और सरकार के आश्वासन पर किसान सहमत हो गए. वैसे अभी तक एमएसपी के संबंध में बहुत कुछ साफ नहीं हुआ है.
लेकिन एमएसपी की कमेटी में संयुक्त किसान मोर्चा(SKM) के सदस्यों को शामिल करने के आश्वासन के बाद किसानों ने पिछले 1 साल से अधिक समय से चल रहे आंदोलन को वापस ले लिया है.
UP चुनाव के मद्देनजर सरकार ने भी उदारता दिखाई और किसान संगठनों ने भी अपनी तरफ से थोड़ा सा मुलायम रवैया अपनाते हुए किसान आंदोलन को वापस लेने की घोषणा कर दी.
अगर इस पूरे घटनाक्रम पर नजर डालें तो इसमें किसानों को बस एक ही सफलता मिलती नजर आ रही है वह है तीनों कृषि कानूनों का वापस होना. ना तो एमएसपी और ना तो किसान पर दर्ज मुकदमों के बारे में अभी तक पूरी तस्वीर साफ हो पाई है.
वैसे तो सरकार ने आधिकारिक रूप से किसानों को लिखित में यह आश्वासन दिया है कि किसानों पर दर्ज मामलों को जल्द से जल्द वापस लिया जाएगा. लेकिन इसमें कोई समय सीमा तय नहीं की गई है. जिससे संदेह का वातावरण निर्मित होता है.