कृषि बिल(Farm Laws) की वापसी पर संसद की मुहर लग गई है.PM Modi ने जो वादा किसानों से किया था आज वह पूरा हो गया.
संसद के शीतकालीन सत्र में आज तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया. इन बिलों पर चर्चा को लेकर विपक्ष हंगामे पर उतर आया. जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दोपहर तक के लिए संसद सत्र को स्थगित कर दिया गया.
Farm Laws की वापसी तो हो गई लेकिन चर्चा को लेकर विपक्ष ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन जोरदार हंगामा किया
कांग्रेस और विपक्षी दल यह मांग कर रहे थे कि किसी बिल की वापसी पर चर्चा होनी चाहिए. लोकसभा अध्यक्ष ने भी इस चर्चा को स्वीकार भी किया. लेकिन विपक्ष के द्वारा बार-बार हंगामा किए जाने के कारण चर्चा नहीं हो पाई.
मालूम हो कि प्रधानमंत्री मोदी ने शीतकालीन सत्र को लेकर कहा कि संसद कैसी चली, क्या योगदान किया इसका मूल्यांकन हो. मोदी ने जोर देते हुए कहा मानदंड यह नहीं होना चाहिए कि किसने कितना जोर लगाकर संसद को रोका.
नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले उपरोक्त बयान दिया है. मालूम हो कि यह पहले से अंदेशा था कि संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहेगा. खासकर कृषि बिल को लेकर.
किसान अभी नहीं लेंगे आंदोलन वापस, 4 दिसंबर को होगा फैसला MSP पर अभी भी अड़े हुए
तीनों कानूनों को संसद के शीतकालीन सत्र के प्रथम दिन है वापस लिए जाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर फिर एक बार सरकार पर हमला किया है.
किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि अब कानून तो वापस हो गया लेकिन अब MSP पर चर्चा होनी जरूरी है. मालूम हो कि राकेश टिकैत एमएसपी को लेकर हमेशा मुखर रहे हैं.
वही आंदोलन को वापस लेने की विषय पर राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन के बारे में अभी हम कुछ नहीं कह सकते इस पर 4 दिसंबर की बैठक के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
मालूम हो कि किसान संगठन ने ट्रैक्टर मार्च को स्थगित कर दिया है तीनों कानूनों के वापस लिए जाने के बाद अब ऐसा लगने लगा है कि किसान जल्द ही अपने आंदोलन समाप्त करने को लेकर कुछ ना कुछ बड़ा फैसला करेंगे.