Exit Poll से पहले यह भी जान लीजिए कि सभी दलों में है गंभीर मामलों के आरोपी उम्मीदवार

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Exit Poll पर होने वाली बहस में चाहे मुद्दा जो भी लेकिन भ्रष्टाचार को मिटाने के नाम पर चुनाव लड़ने वाली पार्टियों ने अंतिम चरण में भी 28% ऐसे उम्मीदवारों को खड़ा किया है जिन पर हैं गंभीर मामले दर्ज

आज UP Election के 7 वें चरण का मतदान समाप्त हो गया और इसी के साथ ही यूपी सहित पांच राज्यों के उम्मीदवारों का भविष्य EVM में बंद हो गया. अब हर तरफ Exit Poll को लेकर हो हल्ला है लेकिन एग्जिट पोल से पहले इस बात को भी जान लेना जरूरी है कि राजनीतिक दलों ने जो उम्मीदवार खड़े किए हैं उनका चाल चरित्र कैसा है.

सातवें चरण के मतदान के बाद यूपी चुनाव में वोटिंग तो समाप्त हो गई है लेकिन नेताओं के द्वारा जनता के बीच दिए गए भाषण अभी भी यह सोचने पर मजबूर कर रहे हैं कि चुनाव जिस भ्रष्टाचार और सुशासन के नाम पर लड़ा जाता है क्या सही मायने में राजनीतिक पार्टियां इस को लेकर गंभीर हैं.

ऐसा इसलिए क्योंकि प्रमुख राजनीतिक पार्टियां भारतीय जनता पार्टी(BJP), समाजवादी पार्टी(SAPA), बहुजन समाजवादी पार्टी(BSP) और कांग्रेस ने यूपी चुनाव(UP Election 2022) में भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाया लेकिन अगर इन पार्टियों के उम्मीदवारों की लिस्ट पर गौर करेंगे तो यही लगेगा कि मुंह में राम बगल में छुरी.

बीजेपी के नंबर दो नेता अमित शाह अमूमन सभी रैलियों में योगी(Yogi) के बुलडोजर की चर्चा करना नहीं भूले लेकिन सिर्फ सातवें चरण में ही बीजेपी के 47 उम्मीदवार में से 26 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.अगर इसे प्रतिशत के तौर पर देखें तो यह 55% के करीब है.

समाजवादी पार्टी(SAPA) जो यूपी में प्रमुख विपक्षी पार्टी है और जनता से सुशासन के नाम पर वोट मांग रही है. उसकी भी यही कहानी है. समाजवादी पार्टी के 58% उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. समाजवादी पार्टी के 45 उम्मीदवारों में से 26 पर विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं.

बहुजन समाजवादी पार्टी(BSP) जो कि इस चुनाव का रुख बदल सकती है ऐसा हमारा और अन्य सर्वेक्षणों में अनुमान लगाया गया है उसके भी उम्मीदवारों का यही हाल है. बहुजन समाजवादी पार्टी के 52 उम्मीदवारों में से 20 पर गंभीर मामले दर्ज हैं.

सातवें चरण में कुल 54 सीटों के लिए मतदान हुआ है जिसमें करीब 2.06 करोड़ मतदाता के नाम वोटिंग लिस्ट में शामिल है. सातवें चरण में सबसे ज्यादा चर्चा वाराणसी और आजमगढ़ के लिए हो रही है क्योंकि आजमगढ़ अखिलेश यादव का लोकसभा क्षेत्र है तो वहीं वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का.

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