ELECTION COMMISSION की कार्यशैली पर मद्रास हाई कोर्ट की सख्त़ टिप्पणी, कहा CORONA की दूसरी लहर के लिए क्यों ना हत्या का मुकदमा चलाया जाए..

election commission and high court द भारत बंधु
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CORONA से भारत की स्थिति अब विश्व में सबसे ज्यादा बुरी है. अब यहां दैनिक स्तर पर 3 लाख 50 हजार से भी अधिक नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं वहीं मौतों की बढ़ती संख्या भी परेशान करने वाली है बीते सप्ताह से मौतों के आंकड़े कभी 2500 कभी 2700 तो कभी 2800 आ रहे हैं. corona की दूसरी लहर में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का बुरा हाल है. वेंटिलेटर की तो बात दूर लोग साधारणतया उपलब्ध होने वाली ऑक्सीजन के अभाव में मर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ चुनावी और धार्मिक आयोजनों ने रही सही कसर भी पूरी कर दी है.

जिन चुनावी राज्यों का जिक्र कर गृह मंत्री उदाहरण पेश कर रहे थे कि corona का चुनावी भीड़ से कोई लेना देना नहीं है अब उन्हीं चुनावी राज्यों में कोरोना की सुनामी दस्तक दे रही है. ELECTION COMMISSION द्वारा ऐसे हालातों में भी चुनाव कराने की हठधर्मिता ने आज चुनाव आयोग को ही सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है.

ELECTION COMMISSION पर कोर्ट नारज़

बंगाल हाई कोर्ट के बाद अब मद्रास हाई कोर्ट ने भी चुनाव आयोग के रवैये पर सख्त नाराजगी जताई है. आज मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव बनर्जी ने तो यहां तक कह दिया कि corona की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग के जो अधिकारी जिम्मेदार हैं उन अधिकारीयों पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए.

चीफ जस्टिस संजीव बनर्जी का कहना है कि व्यक्ति लोकतांत्रिक अधिकारों का तभी प्रयोग कर सकता है या फिर उन अधिकारों का लाभ ले सकता है जब वह व्यक्ति जीवित रहे. अगर व्यक्ति ही जीवित नहीं रहेगा तो वह लोकतांत्रिक अधिकारों का लाभ या आनंद कैसे ले पाएगा. आज की स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि मानव जीवन के अस्तित्व पर ही संकट मंडरा रहा है.चीफ जस्टिस ने कहा कि जब रैलियों में कोरोना के नियमों की अनदेखी हो रही थी तब चुनाव आयोग कहां थे क्या आप दूसरे ग्रह पर थे क्या आपको इन रैलियों की जानकारी नहीं थी.

मालूम हो कि 5 चुनावी राज्यों में एक राज्य तमिलनाडु भी है. मद्रास हाई कोर्ट की यह टिप्पणी एक याचिका की सुनवाई के दौरान आई जिसमें 2 मई को वोटों की गिनती में corona प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू किए जाने संबंधित मांग की गई थी. तमिलनाडु में एक चरण में मतदान कराया गया है लेकिन यहां भी बड़ी-बड़ी रैलियां और रोड शो में corona के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई.

मद्रास हाई कोर्ट की टिप्पणी इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि देश में पिछले 24 घंटे में 3 लाख 52 हजार 991  नए मामले आए. वहीं एक्टिव मरीजों की संख्या भी अब बढ़ गई है यह संख्या अब 2813658 तक पहुंच गई है.

दिल्लीवासियों को मुफ्त टीका देने की घोषणा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों को मुफ्त टीका देने की घोषणा की है लेकिन वैक्सीन के मूल्य को लेकर सवाल उठाए हैं. बकौल केजरीवाल केंद्र को ₹150 में लेकिन राज्यों को 400 और 600 में वैक्सीन क्यों दी जा रही है.

कांग्रेस शासित राज्य 1 मई से 18 प्लस उम्र के लोगों को vaccine देने में असमर्थ

24 april 2021 तक भारत में कुल 14.06 करोड़ लोगों को corona का टीका दिया जा चुका है. वहीं अभी भारत के पास रिजर्व में 1.85 करोड़ वैक्सीन के डोज बचे हुए हैं. इसका अर्थ यह है की वैक्सीन की कमी संपूर्ण भारत में है क्योंकि प्रतिदिन 30 से 35 लाख 45 प्लस उम्र के लोगों का टीकाकरण अभी किया जा रहा है और अगर 1 मई से 18 प्लस उम्र के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा तो टीके की उपलब्धता को बढ़ाना अनिवार्य है.

कांग्रेस शासित राज्यों ने 1 मई से 18 प्लस उम्र के लोगों को vaccine देने में असमर्थता जताई है. उनका कहना है हमारे पास पर्याप्त स्टॉक नहीं है और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां 15 मई से पहले अतिरिक्त वैक्सीन देने को राजी नहीं हैं. मालूम हो कि दिल्ली से पहले ही 13 भारतीय राज्यों ने मुफ्त वैक्सीनेशन की घोषणा कर दी थी. बताते चलें की कांग्रेस शासित राज्यों में MAHARASHTRA का नाम शामिल नहीं है.

भारत में कोरोना महामारी के आंकड़ों का विश्लेषण..

  • 24 घंटे में कुल नए संक्रमितों की संख्या: 3.53 लाख
    24 घंटे में बीमारी को मात देने वाले लोगों की संख्या: 2.18 लाख
    24 घंटे में कुल मौतों की संख्या: 2806
    अभी तक भारत में कुल संक्रमितों की संख्या: 1.73 करोड़
    अभी तक कुल ठीक हुए मरीजों की संख्या: 1.42 करोड़
    अभी तक कुल मौतों की संख्या:1.95 लाख
    वर्तमान में इलाजरत मरीजों की कुल संख्या: 28.07 लाख

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