Deep Sidhu Death: पंजाब के मशहूर एक्टर और लाल किला हिंसा(Lal Quila) मामले से जुड़े दीप सिद्धू की सड़क दुर्घटना में मौत पर उठ रहे हैं सवाल!!
बीते साल 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस का वह दिन कौन भूल सकता है जब लाल किले(Red Fort) पर कुछ उपद्रवी तत्वों ने धार्मिक झंडा फहरा दिया था. इस घटना में पंजाब के मशहूर फिल्मी सितारे दीप सिद्धू(Deep Sidhu) का नाम प्रमुखता से आया था.
लेकिन आज मामला लाल किला हिंसा(Lal Quila Case) से नहीं बल्कि पंजाबी कलाकार और एक्टिविस्ट दीप सिद्धू (Deep Sidhu Death) की मौत से जुड़ा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पंजाबी कलाकार दीप सिद्धू की आज सड़क हादसे में मौत हो गई.
बताते चलें कि दीप सिंधु जिस स्कॉर्पियो गाड़ी को ड्राइव कर रहे थे उसकी एक जोरदार टक्कर ट्रक से हो गई.
बताया जा रहा है कि जब दीप सिद्दू कुंडली मानेसर पलवल (KMP) एक्सप्रेस वे से गुजर रहे थे तभी यह टक्कर हुुई है. यह टक्कर इतनी जोरदार थी कि जिस स्कॉर्पियो को दीप सिद्धू चला रहे थे उसके परखच्चे उड़ गए.
इस घटना की जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली पुलिस मौके पर पहुंची और दीप सद्दू के शव को कब्जे में लेकर प्रारंभिक जांच शुरू कर दी.
बताते चलें कि दीप सिद्धू के शव का पोस्टमार्टम आज किया जाएगा लेकिन उससे पहले इस मौत को लेकर कुछ सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
इन सवालों में सबसे पहला सवाल यह है कि जिस ट्रक( ट्राला) से दीप सिंधु के स्कॉर्पियो कार की टक्कर हुई है वह वहां खड़ी थी या फिर वह भी चल रही थी.
दूसरी बात यह उसी स्कॉर्पियो में दीप सिंधु की मित्र रीना रॉय भी सवार थी जबकि रीना रॉय इतनी भयानक टक्कर होने के बाद कैसे बाल बाल बच गई.
दीप सिंधु की मित्र रीना रॉय को अस्पताल में भर्ती किया गया है लेकिन अभी तक उन्होंने पुलिसकर्मियों या फिर स्वास्थ्य कर्मियों को इस घटना के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है.
जब भी रीना रॉय से पुलिस कोई भी बातचीत करना चाह रही है तो वह लगातार रोए जा रही है और इस घटना के बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं करा पा रही हैं.
रीना रॉय का लगातार रोए जाना स्वभाविक भी हो सकता है क्योंकि इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद इंसान की मानसिक हालत जल्द व्यवस्थित नहीं हो पाती है.
मालूम हो कि 23 फरवरी को पंजाब में चुनाव होने वाले हैं. उससे पहले यह घटना इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि दीप सिद्धू का किसान आंदोलन से गहरा नाता था और किसान आंदोलन के कई सदस्य इस बार चुनाव में ताल ठोंक रहे हैं.
दीप सिद्धू को लाल किला हिंसा मामले में आरोपी बनाया गया था तो किसान नेताओं से भी मीडिया कर्मियों ने बार-बार सवाल किए थे.
जिसके बाद किसान नेताओं का यही कहना था कि इस घटना से उनका कोई लेना देना नहीं है और इस घटना में आरोपियों के साथ-साथ सरकार भी पूरी तरह से जिम्मेदार है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने तो यहां तक कहा था कि यह घटना एक साजिश का हिस्सा है जो कि आंदोलन कर रहे किसानों को बदनाम करने के लिए रची गई थी.