COVID-19
कविता
बाधाओं के पार कुछ है,
बैठ चुप कुछ देर तुम, इन शब्दों के पार कुछ है..
बाधाओं के पार कुछ है…
अपना-अपना सब हैं करते, हो समर्पित औरों के लिए,
इस निज जीवन के पार कुछ है…
बाधाओं के पार कुछ है..
खोना कुछ तो दुख ना करना, पाना कुछ तो उन्मादी ना बनना,
इस खोने पाने के पार कुछ है..
बाधाओं के पार कुछ है..
विरह मिलन की परिभाषा है, निर्बल करते आंसू मन को,
इस निर्बलता के पार कुछ है….
बाधाओं के पार कुछ है....
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