बाल दिवस(Children’s Day) यानी पंडित जवाहरलाल नेहरू(Jawaharlal Nehru) की जयंती पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. कांग्रेस पार्टी के नेताओं का आरोप है कि नेहरू जयंती पर सरकार की ओर से किसी भी वरिष्ठ मंत्री का उपस्थित ना होना अपमान का विषय है.
नेहरू जयंती पर क्यों छिड़ा है विवाद, क्या है पूरा मामला
आज संपूर्ण भारत में बाल दिवस मनाया जा रहा है. बाल दिवस भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस पर मनाया जाता है.
लेकिन आज एक बार फिर जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर बीजेपी सरकार की उदासीनता को लेकर कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बीच तू-तू मैं-मैं की शुरुआत हो गई है.
आज 14 नवंबर को संपूर्ण भारत भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मना रहा है, और यह परंपरा सालों से चली आ रही है.
जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर संसद भवन में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता उपस्थित थे. लेकिन मामले ने तब तूल पकड़ा जब वहां सरकार की तरफ से कोई बड़ा चेहरा जयंती कार्यक्रम में नजर नहीं आया.
पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती कार्यक्रम पर सरकार की तरफ से राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह ने शिरकत की थी. राज्यमंत्री की उपस्थिति और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों की अनुपस्थिति के कारण कांग्रेस ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया है.
मामले ने और भी तूल पकड़ लिया जब जयंती कार्यक्रम में लोकसभा और राज्यसभा के कर्ता-धर्ता यानी लोकसभा स्पीकर और राज्य सभा स्पीकर भी नदारद मिले.
मालूम हो कि आज भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती कार्यक्रम को संसद भवन में मनाया जा रहा था. जिसमें सरकार की तरफ से कोई भी सीनियर मंत्री उपस्थित नहीं हुए.साथ ही लोकसभा और राज्यसभा के स्पीकर भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हुए.
वरिष्ठ मंत्रियों की अनुपस्थिति और लोकसभा एवं राज्यसभा स्पीकर के कार्यक्रम में नहीं शामिल होने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसे संस्कृति का अपमान बताया.
जयराम रमेश ने कहा आज संसद भवन में बड़ा ही विचित्र दृश्य देखने को मिला, लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष यहां तक कि कोई सीनियर मंत्री भी जयंती में नजर नहीं आए.
वरिष्ठ मंत्रियों की अनुपस्थिति पर लोकसभा एवं राज्यसभा स्पीकरों की अनुपस्थिति पर अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी नाराजगी व्यक्त की है.