CAA Protest: CAA प्रदर्शन को लेकर भेजे गए सभी नोटिस वापस, Yogi सरकार का सुप्रीम कोर्ट(SC) में हलफनामा, कोर्ट ने भी लगाई लताड़ कहा वसूली की रकम करें वापस
आज एक अप्रत्याशित घटना की जानकारी सामने आई है. जिसको लेकर बीते 13 और 14 फरवरी को योगी सरकार के द्वारा निर्णय लिए गए थे.
संशोधित नागरिकता कानून(CAA) के विरोध में जब प्रदर्शनकारी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे उसको लेकर उस समय UP सरकार ने बेहद सख्त रवैया अपनाया था.
UP सरकार ने साफ कहा था कि किसी भी प्रदर्शन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसको लेकर कई CAA प्रदर्शनकारियों पर केस किए गए और नोटिस भी भेजे गए. यहां तक की संपत्तियों को जब्त भी किया गया और कई अन्य को नोटिस भेजे गए थे.
लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट(SC) CAA Protest से संबंधित सुनवाई के दौरान UP सरकार ने यह कबूल किया है कि CAA विरोधी सभी प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ जारी नोटिस वापस ले लिए गए हैं. यूपी सरकार ने SC में कहा है कि यह सारे नोटिस बीते 14 और 15 फरवरी को वापस लिए गए हैं.
बताते चलें कि CAA प्रदर्शनकारियों की संपत्ति को जब्त करने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज बेहद तल्ख नजर आया और सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार को यह आदेश दिया है कि जिन की भी संपत्तियों को अभी तक सरकार ने जप्त किया है उसको वापस करे.
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद यूपी सरकार बैकफुट पर आ गई है क्योंकि योगी आदित्यनाथ की सरकार हमेशा से CAA प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ काम करती रही है.
यूपी सरकार ने जो हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दायर किया है उसके अनुसार प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की भरपाई के लिए 274 नोटिस को बीते 13 और 14 फरवरी को वापस ले लिया गया है.
यूपी सरकार द्वारा सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान की भरपाई के लिए जो वसूली की गई थी उसको सुप्रीम कोर्ट द्वारा वापस करने के निर्देश के पीछे सुप्रीम कोर्ट का 2009 का एक फैसला है.
जिसके अंतर्गत जब भी कोई सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान का मामला होगा तो कमिश्नर ऐसे मामलों के नुकसान का अनुमान लगाएगा और दायित्व की जांच भी करेगा लेकिन इसके लिए जरूरी है कि वह कमिश्नर एक जज होगा.
अभी यूपी में विधानसभा चुनाव(UP Election) चल रहे हैं और उसके दौरान यूपी सरकार द्वारा CAA प्रदर्शनकारियों को भेजे गए नोटिस वापस लिया जाना एक बड़ा मुद्दा बन सकता है.