Bengal Assembly Midnight Session: बंगाल में रात्रि 2 बजे होगी विधान सभा की बैठक, विधायक-मंत्री सभी लगाएंगे हाजरी राज्यपाल जगदीप धनखड़(Jagdeep Dhankhar) का ऐतिहासिक फैसला
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक निराला फैसला लिया है जिसे सामान्य हालत में लिया गया ऐतिहासिक फैसला कहा जा सकता है.
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है संविधान के अनुच्छेद 174(1) के तहत मंत्रिमंडल के निर्णय को स्वीकार करते हुए 7 मार्च रात्रि 2:00 बजे विधान सभा की बैठक होगी.
उन्होंने अपने फैसले को tweeter पर भी शेयर किया है. जगदीप धनखड़ ने अपने tweet में लिखा है कि मध्य रात्रि में बैठक बुलाना बेहद ही और सामान्य है लेकिन यह मंत्रिमंडल का निर्णय है जिसे मैंने स्वीकार कर लिया है.
WB Guv: Summoning WBLA
Invoking article 174 (1) of Constitution, accepting Cabinet Decision, Assembly has been summoned to meet on March 07, 2022 at 2.00 A.M.
Assembly meeting after midnight at 2.00 A.M. is unusual and history of sorts in making, but that is Cabinet Decision. pic.twitter.com/JEXKWYEIoQ
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) February 24, 2022
अर्ध रात्रि में बैठक बुलाए जाने को लेकर अब सियासी गलियारे में भी बहस शुरू हो गई है जब इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी से सवाल पूछे गए तो उनका कहना है कि यह बेहद ही और सामान्य है और निश्चित तौर पर कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले को टाइप करते समय कोई गलती हुई होगी.
पश्चिम बंगाल के विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने यह भी कहा कि टाइपिंग में हुई गलती को दुरुस्त किया जा सकता था और और असमय में बुलाई का बैठक को टाला भी जा सकता था.
बताते चलें कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार और राज्यपाल के बीच खींचतान कोई नई बात नहीं है इससे पहले जगदीप धनखड़ ने विधानसभा की बैठक को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया था.
वहीं दूसरी तरफ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि जब विधानसभा की बैठक को लेकर मंत्रिमंडल की सिफारिश गवर्नर जगदीप धनखड़ के पास पहुंची तो जगदीप धनखड़ ने मुख्य सचिव को इस पर बातचीत के लिए बुलाया था लेकिन कहा जा रहा है कि मुख्य सचिव जगदीप धनखड़ से मिलने नहीं पहुंचे.
अब देखना यह है कि जगदीप धनखर द्वारा रात्रि 2:00 बजे विधान सभा की बैठक को बुलाए जाने के बाद क्या पश्चिम बंगाल सरकार इस बैठक को राज्यपाल से रद्द करने की मांग करती है या फिर इस ऐतिहासिक फैसले को स्वीकार कर लेती है.