ICMR की मंजूरी नहीं लेकिन सरकारी खर्चे पर हरियाणा में BABA RAMDEV की CORONA की दवा कोरोनिल बांटने की तैयारी वहीं महाराष्ट्र में COVID मरीजों को जाना पड़ेगा कोविड सेंटर HOME ISOLATION की सुविधा हुई समाप्त

BABA RAMDEV IMA COVID-19
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ICMR की लिस्ट में नहीं है शामिल फिर भी BABA RAMDEV की COVID-19 दवा कोरोनिल बांटेगी हरियाणा सरकार

देश में अब corona की दूसरी लहर कमजोर होती दिख रही है. बीते 24 घंटे में दो लाख से कम corona संक्रमित मिले हैं.

लेकिन अभी भी corona का खतरा टला नहीं है. क्योंकि मौतों के आंकड़े अभी भी तीन से चार हजार के बीच है. जो कि एक चिंता का विषय है.

वहीं बिहार दिल्ली सहित कई अन्य राज्यों ने लॉकडाउन को 1 जून तक बढ़ा दिया है. इस बीच एक बार फिर से बाबा रामदेव की कोरोनिल दवा पर चर्चा गर्म है.

ऐसा इसलिए क्योंकि हरियाणा की खट्टर सरकार ने पतंजलि की दवा कोरोनिल की एक लाख कीट मुफ्त बांटने का फैसला किया है.

यहां विवाद की दो वजहें हैं. पहली वजह हैं ICMR ने कोरोनिल को मान्यता नहीं दी है. और दूसरी वजह है इस दवा वितरण पर आने वाले खर्च का आधा हिस्सा पतंजलि और आधा हिस्सा हरियाणा सरकार के कोविड-19 राहत कोष द्वारा वहन किया जाएगा.

मालूम हो कि बाबा रामदेव की दवा कोरोनिल पर शुरू से ही विवाद है. जब रामदेव ने इसे कोरोना की दवा कही थी साथ ही इसे WHO से प्रमाणित भी बता दिया था.

उस समय इस बात पर काफी बवाल मचा था. यहां तक कि डब्ल्यूएचओ को बयान जारी करना पड़ा था कि डब्ल्यूएचओ ने ऐसी किसी पारंपरिक दवा को मंजूरी नहीं दी है. अब देखना यह है कि हरियाणा सरकार अपने इस फैसले पर क्या सफाई देती है.

यहां यह बताना जरूरी है कि हरियाणा में स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रभार गृह मंत्री अनिल विज के पास है. इस फैसले के बारे में अनिल विज ने अपने टि्वटर हैंडल से जानकारी दी है.

अनिल विज का क्या कहना है कोरोनिल के सम्बंध में

कोरोनिल के संबंध में हरियाणा के गृह मंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि कोरोनिल से corona मरीजों के ठीक होने का दावा किया जाता है. हरियाणा सरकार चाहती है कि हर संभव corona के मरीजों की मदद की जाए.

अनिल विज का कहना है सरकार corona मरीजों के इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है. हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं जिससे कि हरियाणा के लोगों के स्वास्थ्य एवं उपचार में कोई कमी नहीं आए.

बाबा रामदेव का बयान और IMA की आपत्ति

वहीं योग को घर घर पहुंचाने वाले बाबा रामदेव की एक टिप्पणी पर पिछ्ले दिनों IMA ने आपत्ति जताई थी. लेकिन आज बाबा रामदेव ने फिर से IMA पर निशाना साधा है. बाबा रामदेव ने 25 सवाल IMA के सामने रखे हैं. IMA से पूछा है कि जिन बीमारियों का उल्लेख हम कर रहे हैं क्या आपके पास उसके इलाज की सुविधा है. क्या आप लोगों को इन बीमारियों से पूरी तरह से क्योर कर सकते हैं.

photo 2021 05 25 17 06 59 द भारत बंधु

मालूम हो एक दिन पहले ही बाबा रामदेव ने ऐलोपैथ को बकवास कहा था. उनके इस बयान के बाद उनके प्रशंसक और कोरोनिल दवा के प्रमोशन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाले भारत के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को भी आपत्ति हुई थी.

उन्होंने बाबा रामदेव को बेहद सम्मानित लेकिन सख्त शब्दों में चिट्ठी लिखी थी और कहा था कि उनको यानी बाबा रामदेव को ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. क्योंकि इससे लाखों-करोड़ों हेल्थ वर्कर और चिकित्सक जो महामारी के दौरान रात दिन देश और समाज की सेवा कर रहे हैं उनको तकलीफ हुई है.

डॉ हर्षवर्धन ने रामदेव को लिखी चिट्ठी में उनसे ऐलोपैथ बकवास है वाले बयान को वापस लेने को कहा था. इस चिट्ठी के बाद बाबा रामदेव ने अपने बयान को वापस ले लिया था. साथ ही बाबा रामदेव ने कहा था कि मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. लेकिन फिर भी मैं इस बयान को वापस ले रहा हूं और यह सिर्फ इसलिए कि मैं डॉक्टर हर्षवर्धन का सम्मान करता हू.

महाराष्ट्र में corona संक्रमितों के लिए HOME ISOLATION की सुविधा को क्यों किया गया समाप्त

महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए आज से या घोषणा कर दी है कि महाराष्ट्र में होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं होगी. जो भी नए संक्रमित पाए जाएंगे उनको कोविड-19 आना ही होगा.

ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि महाराष्ट्र में अब corona के मामले घटने लगे हैं. जिस कारण अस्पतालों पर दबाव कम होने लगा बेड खाली हो गए हैं.

सरकार चाहती है कि जो मामले नियंत्रण में आए हैं वो फिर से बेकाबू ना हो जाए. इसलिए जिन जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 से अधिक है वहां होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं होगी. इन जिलों में कोल्हापुर सांगली सतारा यवतमाल अमरावती इत्यादि शामिल हैं.

मालूम हो कि महाराष्ट्र में अब प्रतिदिन आने वाले corona मरीजों की संख्या में अत्यधिक कमी आई है.

पहले जहां मामले 60 से 65 हजार आ रहे थे. अब वहीं 18 से 20 हजार प्रतिदिन आ रहे हैं. लेकिन अभी भी मौतों के आंकड़ों को कम करने में उतनी सफलता हासिल नहीं हुई है.

क्या आपने ये खबर पढी है

सोशल मीडिया पर अफवाह चल रही थी कि अधिकतर देशों ने यह नियम बनाया है कि वो उन्हीं लोगों को अपने यहां आने देंगे जिन्हें या तो उस देश द्वारा मान्यता प्राप्त vaccine लगी हो. या फिर उन्हें वह वैक्सीन दी गई हो जिसे डब्ल्यूएचओ ने अपनी लिस्ट में शामिल किया हो.

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