75% Reservation in Private Job Haryana: खट्टर सरकार को हरियाणा में स्थानीय लोगों को प्राइवेट नौकरियों में 75% आरक्षण मामले में हाईकोर्ट से लगा तगड़ा झटका कानून को लागू करने पर HC ने लगाई रोक
हरियाणा सरकार ने 5 नवंबर 2020 को हरियाणा विधानसभा में एक बिल को पारित किया था. जिसके अंतर्गत हरियाणा के निवासियों को प्राइवेट नौकरियों में 75% आरक्षण देने की बात थी.
लेकिन इस बिल को लेकर अब मामला उलझ गया है क्योंकि Punjab Haryana High Court ने इस पर तत्काल रोक लगा दी है. मालूम हो कि प्राइवेट नौकरियों(Private jobs) में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने के मुद्दे को लेकर कामगारों और प्राइवेट कंपनियों में काफी नाराजगी देखी जा रही थी.
इस नाराजगी के पीछे जो सबसे बड़ी वजह थी वह यह थी कि इस कानून के आने के बाद हरियाणा में प्राइवेट कंपनियों और बाहरी कामगारों को अपने भविष्य को लेकर चिंता बढ़ने लगी थी.
कंपनियों का यह कहना था कि पहली बात तो यह कि कानून लागू होता है तो अफसरों की मनमानी बढ़ जाएगी और दूसरी बात सिर्फ स्थानीय लोगों पर निर्भर होकर बड़ी-बड़ी कंपनियों का संचालन मुश्किल है.
मालूम हो कि हरियाणा में खासकर गुड़गांव में ऐसी बहुत सारी फैक्ट्रियां और कंपनियां हैं जहां पर की देश के हर हिस्से से कामगार नौकरी की तलाश में आते हैं.
ऐसे में स्थानीय लोगों को 75% आरक्षण दिए जाने के बाद बाहर से आए कामगारों के साथ-साथ कंपनियों के सामने भी यह समस्या खड़ी हो गई थी कि आखिर वह अपना काम कैसे चलाएं.
यहां यह बताना जरूरी है कि हरियाणा सरकार ने जो बिल पारित किया था (Haryana State Employment of Local Candidate Bill) उसके हिसाब से ₹30000 से कम सैलरी वाले पदों पर 75% स्थानीय लोगों के आरक्षण की बात थी.
यहां यह बताना जरूरी है कि हाईकोर्ट ने अभी सिर्फ इस कानून को होल्ड पर रखा है अभी इस पर अपना कोई भी निर्णय नहीं सुनाया है.
बताते चलें कि प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण देने वाला हरियाणा कोई अकेला राज्य नहीं है झारखंड सरकार ने भी प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने वाला कानून हाल में ही पारित किया है.
Big Update Reservation in Private Jobs: हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में 75% स्थानीय लोगों के आरक्षण को हाईकोर्ट ने किया रद्द.. सर्वोच्च न्यायालय का रुख कर सकती है हरियाणा सरकार