Strict Rules to Prevent Film Pyracy: फिल्मों की पायरेसी करने वालों को सरकार का सख्त संदेश बदले गए कानून

Strict Rules to Prevent Film Pyracy
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Strict Rules to Prevent Film Pyracy: फिल्मों की पायरेसी करना अब नहीं होगा आसान सरकार ने कानून को संशोधित कर सख्त प्रावधान जोड़े गये फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने कानून का किया स्वागत

फिल्मों की पायरेसी(Film Pyracy) को रोकने के लिए अब सरकार बेहद ही संवेदनशील नजर आ रही है और इसी संदर्भ में सरकार ने फिल्मों की पायरेसी पर लगाम लगाने के लिए सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952(Cinematograph act 1952) में संशोधन किया है.

फिल्म पायरेसी करने वालों के लिए सजा:संशोधित कानून(Cinematograph Amendment Bill 2023) में Film Pyracy को रोकने के लिए बेहद ही सख्त प्रावधान किए गए हैं. अब अगर कोई भी व्यक्ति फिल्म की पायरेसी करेगा तो उसको जुर्माने के रूप में फिल्म के बजट का 5% तक जुर्माना लगाया जाएगा साथ ही उसे 3 साल की कैद का भी प्रावधान इस नए कानून(संशोधित) में किया गया है.

राज्यसभा में सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 संशोधन विधेयक पेश किया गया जिसे यहां पास कर दिया गया. राज्यसभा में इस बिल को वर्तमान सूचना एवं प्रसारण(I&T) मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा पेश किया गया था. सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में इस बिल को पेश करने के दौरान पायरेसी के कारण होने वाले नुकसान के भी आंकड़े पेश किए.

फिल्म पायरेसी से फिल्म इंडस्ट्री को हर साल 20 हजार करोड़ का घाटा: अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में यह बताया कि फिल्मों की पायरेसी के कारण फिल्म इंडस्ट्री(Film Industry) को काफी नुकसान होता है. उन्होंने नुकसान के जिस आंकड़े को राज्यसभा के सामने रखा वह बहुत बड़ा आंकड़ा था. अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में बताया कि फिल्मों की पायरेसी से फिल्म इंडस्ट्री को हर साल 20 हजार करोड़ का घाटा होता है अनुराग ठाकुर ने किस अमेंडमेंट बिल को पेश करते हुए कहा कि अब इस कड़े प्रावधानों के कारण निश्चित तौर पर फिल्मों की पायरेसी पर लगाम लगेगी.

सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्मों के सर्टिफिकेट को लेकर बड़ा बदलाव: दूसरी तरफ अब सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्मों को सर्टिफिकेट दिए जाने को लेकर भी एक बड़ा बदलाव किया गया है. यह बदलाव फिल्मों की कैटेगरी के संबंध में है. सेंसर बोर्ड द्वारा वर्तमान में फिल्मों को तीन कैटेगरी में बांटा जाता है. लेकिन अब फिल्मों को सर्टिफिकेट देने के लिए नई कैटेगरी का प्रावधान किया गया है.

पहले जब किसी भी फिल्म को A सर्टिफिकेट(UA) दिया जाता था तो उस फिल्म को 18 वर्ष से ऊपर के लोग ही देख सकते थे. लेकिन अब फिल्मों की A कैटेगरी में तीन सब कैटेगरी को जोड़ दिया गया है. अब फिल्मों को A Certificate देते समय यह भी बताना पड़ेगा कि यह फिल्म 7 साल से ऊपर के बच्चों के लिए है या 13 साल से ऊपर के बच्चों के लिए है या 16 साल से ऊपर के बच्चों के लिए है.

अनुराग ठाकुर ने यह बताया कि अब सेंसर बोर्ड द्वारा जारी सर्टिफिकेट में A कैटेगरी के लिए UA 7+, UA 13+ UA 16+ का भी प्रावधान होगा. बताते चलें कि इन दिनों फिल्मों की कैटेगरी को लेकर काफी विवाद छिड़ा हुआ है. कई फिल्मों को सेंसर बोर्ड द्वारा A कैटेगरी देने के बाद सेंसर बोर्ड की काफी आलोचना हुई थी.

अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म OMG 2 को सेंसर बोर्ड द्वारा UA सर्टिफिकेट दिया गया है. यानी कि इस फिल्म को 18 साल कम उम्र के लोग नहीं देख पाएंगे. बीते दिनों रिलीज हुई फिल्म केरला स्टोरी को भी यूए सर्टिफिकेट ही दिया गया था. अब सरकार द्वारा फिल्मों की कैटेगरी में हुए बदलाव के कारण आगे आने वाली फिल्मों के लिए रास्ता थोड़ा आसान होगा ऐसा फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है.

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