POSITIVE THOUGHTS FOR COVID-19: कोरोना हमारे जीवन के लिये अल्पविराम है पूर्णविराम नहीं , इस महामारी ने सबके जीवन को प्रभावित किया है लेकिन फिर भी The Show Must Go ON

covid 19 positive thoughts द भारत बंधु
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अगर द्वंद्व नहीं है तो तुम गांधी हो सकते हो, तुम चर्चिल हो सकते हो, तुम बुद्ध हो सकते हो, तुम मोहम्मद हो सकते हो, तुम राम हो सकते हो, लेकिन तुम, तुम नहीं हो सकते..और तुम्हारे संपूर्ण होने के लिए तुम्हारा बचा रहना जरूरी है, तुम बस तभी बचे रह सकते हो जब तुम्हारा खुद से संघर्ष हो. इस संघर्ष को ही द्वंद्व कहते हैं. इसलिए जब ऐसा हो तो घबराना नहीं, अगर द्वंद्व नहीं तो जीवन नहीं..

इस संदर्भ में एक कविता..

कविता द भारत बंधु

 

मैं मृत्यु से लड़ना चाहता हूं, मैं जीवन से भागना भी चाहता हूं..

सब हंसते हैं मेरी बातों पर, मैं जानता हूं मेरा संपूर्ण जीवन द्वंद्व से भरा है..

मैं इस द्वंद को स्वीकार करता हूं, क्योंकि निर्द्वंद्व होना, खालीपन है एकांत नहीं..

मैं जानता हूं, द्वंद्व की समाप्ति सृजनशीलता की हत्या है,

मैं मनुष्य हूं, सृजनशीलता मेरा नैसर्गिक गुण है और अधिकार भी…

मैं मृत्यु से लड़ना चाहता हूं, मैं जीवन से भागना भी चाहता हूं…

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